आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते पिता ने बेटी को उतारा मौत के घाट, ऐसे खुला राज
यूपी के एटा जिले में एक पिता ने आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते अपनी तीन साल की बेटी को मौत के घाट उतार दिया. मासूम पिछले 10 दिनों से बीमार थी जिसका इलाज करवाने लिए पिता के पास पैसे नहीं थे. पूरा मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद खुला.
एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले से दिलदहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पिता ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी की हत्या चाकू से गोदकर कर दी. आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते पिता परेशान था और इसी वजह से उसने बेटी का कत्ल कर दिया. मासूम पिछले 10 दिनों से बीमार थी जिसका इलाज करवाने लिए पिता के पास पैसे नहीं थे. इस तरह की खबर सामने आने के बाद सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और मिशन शक्ति जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को धक्का लगा है. सवाल ये भी खड़ा होता है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इस गरीब का गोल्डन कार्ड क्यों नहीं बनवाया गया जिससे वो अपनी बीमार बेटी का इलाज करवा पाता.
पुलिस को दी सूचना मामला कोतवाली अवागढ़ क्षेत्र के जिनावली गांव का है. यहां बच्ची के शव को मिट्टी में दबाने गए अकेले युवक को देखकर किसी अनहोनी की शंका के चलते खेत में काम रही महिलाओं ने पुलिस को सूचना दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची के शव को मिट्टी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया था. वहीं, ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया था.
पोस्टमार्टम से खुला राज पूछताछ में शख्स ने बताया कि वो प्रवीण कुशवाह है और एटा के कोतवाली देहात इलाके का रहने वाला है. दिल्ली के सीलमपुर और फिरोजाबाद के टूंडला में मजदूरी करके अपने घर का खर्च चलाता है और मृतक बच्ची का पिता है. पत्नी 3 साल पहले डेंगू की बीमारी से मर चुकी है. बच्ची की तबीयत पिछले 10 दिन से खराब चल रही थी उसकी मौत हो गई जिसे वो दफनाने आया था. उसकी कहानी पोस्टमार्टम के रिपोर्ट के बाद एकदम उलट निकली.
हैरान रह गई पुलिस आरोपी प्रवीण कुशवाह से जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. लेकिन, मासूम की हत्या के कारण जब उसने बताए तो पुलिस भी हैरान रह गई. प्रवीण कुशवाह ने बताया कि वो दिल्ली के सीलमपुर और फिरोजाबाद के टूंडला में दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहा था. इसी दौरान 2018 में उसकी पत्नी की डेंगू से मौत हो गई. इसके बाद वो अपनी बेटी के साथ शिकोहाबाद से एटा गया. बीते 10 दिनों से बेटी बीमार थी जिसका आर्थिक तंगी के चलते उपचार नहीं करा पा रहा था. इसी वजह से उसने चाकू से वार कर उसे मार दिया. मृत बेटी को मिट्टी के ढेर में दबाते समय लोगों ने देख लिया और उसका राज पर्दाफाश हो गया.
आर्थिक तंगी ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया अब सवाल ये उठता है कि देश और प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का 5 लाख तक इलाज मुफ्त हो रहा है तो इस परिवार को आखिर वो मदद क्यों नहीं मिली? समाज के लोगों को उसकी मदद करनी चाहिए थी तब कोई आगे क्यों नही आया? आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मिलने वाली तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ उसको क्यों नहीं मिला? आर्थिक तंगी ने पूरे परिवार को लगभग उजाड़ ही दिया. पत्नी की मौत के बाद बेटी की हत्या और अब पिता जेल की सलाखों में रहेगा. इस हृदय विदारक घटना से बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ और मिशन शक्ति जैसे कार्यक्रमों की भी पोल भी खुल गई है.
ये भी पढ़ें: