Kasganj News: महिला पुलिस कॉन्सटेबल के इश्क में अपनी ही पत्नी, दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर बेसमेंट में उनके शवों को गाड़ देने वाले जल्लाद पति राकेश के ससुर मोतीलाल ने नोएडा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कासगंज एसपी ऑफिस पर पहुंचकर बताया कि उनकी बेटी और उसके दो मासूम बच्चों की हत्या की रिपोर्ट लिखाने के लिए उसने 4 बार नोएडा के बिसरिख थाने में तहरीर दी. उन्होंने बताया कि एक बार नोएडा एसपी को भी तहरीर दी गई, सभी तहरीर की उसको रिसीविंग तो मिली लेकिन पुलिस ने तीनों की हत्या की एफआईआर तक नहीं लिखी, उल्टे उसे धक्के मारकर थाने से निकाल दिया जाता था. इसके बाद जब मोतीलाल पुलिस के रवैये से निराश हो गए, तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली और 156/3 के तहत एसीजेएम तृतीय गौतम बुद्ध नगर को एफआईआर कराने का प्रार्थना पत्र दिया.
इसपर न्यायालय के आदेश पर बिसरिख थाना में आईपीसी की धारा 498 ए, 364, 504, 506, दहेज प्रतिशोध अधिनियम 3/4 के तहत एफआईआर पति राकेश, ससुर बनवारीलाल, सास इंद्रावती, दामाद के भाई राजीव कुमार, प्रवेश कुमार और प्रेमिका पुलिस कॉन्सटेबल रूबी के खिलाफ दर्ज हुई.
न्यायालय के आदेश से मोतीलाल एफआईआर करवाने में तो सफल हो गए, लेकिन बिसरिख पुलिस ने फिर भी इनकी कोई मदद नहीं की, ना ही पिछले चार साल में मामले का कोई खुलासा किया. फिर मोतीलाल नोएडा पुलिस की बेरुखी से एक बार फिर हार कर भगवान भरोसे बैठ गए.
आंखों में आंसू भरकर पीड़ित पिता ने बताया कि कासगंज के वर्तमान एसपी उसके लिए देवदूत बनकर आए. जिन्होंने उसकी बेटी और बेटी के दो मासूम बच्चों की जघन्य हत्या का खुलासा कर उनकी बेटी की आत्मा को न्याय दिलवाया. अब उनकी एक ही मांग है कि उनकी बेटी के हत्यारे पति और उसमें शामिल पूरे परिवार को फांसी की सजा हो. उन्होंने कहा कि यदि आरोपियों को फांसी नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेंगे.
मृतक रत्नेश के पिता मोतीलाल पूरे परिवार के साथ अपनी मृतक बेटी और उसके दो मासूम बच्चों की अस्थियों को कासगंज के सोरों गंगा घाट पर विसर्जित करने आये थे. नोएडा में खुदाई के दौरान जो तीनों के कंकाल निकले थे, उनमें से कुछ हड्डियों के भाग को कासगंज पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया था और बची हुई अस्थियों को मृतक रत्नेश के पिता मोतीलाल को सौप दिया था.
बेटी और उसके दोनों मासूम बच्चों की अस्थियों का 3 सितंबर को मोतीलाल ने अपने गांव एटा जनपद के मारहरा थाना छेत्र के नगला कलुआ में चिता जलाकर अंतिम संस्कार किया. 4 अगस्त को तीनों की अस्थियों को कासगंज के सोरों गंगा घाट में विसर्जित किया और अपने गांव में ही शांतिपाठ किया ताकि बेटी और उसके दोनो बच्चों की आत्मा को शांति मिल सके.
अपना दर्द बयां करते समय उनके आंसू छलक पड़े, वे रो पड़े. उन्होंने कहा कि उन्होंने नोएडा के बिसरिख थाने में अपनी बेटी रत्नेश और उसके दो मासूम बच्चों अर्पित और अवनी की उनके दामाद राकेश और परिजनों द्वारा हत्या किए जाने की तहरीर 4 बार दी थी, लेकिन थाना पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की. एक बार तो एसपी गैतम बुद्ध नगर सुनीति सिंह को भी तहरीर दी पर उन्होंने भी कुछ नहीं किया. नोएडा पुलिस ने मेरी कोई बात नहीं सुनी, मुझे धक्के मारकर थाने से निकाला जाता था. इसके अतिरिक्त राजेन्द्र उर्फ कलुआ के माता-पिता और भाई भी कासगंज पुलिस ऑफिस पहुंचे और उन्होंने भी एसपी कासगंज को उनके बेटे की हत्या के खुलासे पर धन्यवाद देते हुए. हत्यारोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की कासगंज पुलिस ने कासगंज के एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे के नेतृत्व में इस मामले का अत्यंत वैज्ञानिक पर्यवेक्षण करते हुए 1 सितंबर को बहुत बड़ा दिल दहला देने वाला खुलासा किया था. जिसके तहत आगरा में ताज सुरक्षा में तैनात एक महिला पुलिस कॉन्सटेबल रूबी के प्रेम में अंधे राकेश नाम के युवक ने 14 फरवरी 2018 को ग्रेटर नोएडा के बिसरिख थाना क्षेत्र की पंच विहार कालोनी में अपनी पत्नी रत्नेश और दो मासूम बच्चों अवनी 3 साल और अर्पित डेढ़ साल की निर्ममता पूर्वक लोहे की रॉड से पीट-पीट कर हत्या कर, तीनों के शवों को घर के ही बेसमेंट में गाड़ दिया था और ऊपर से पक्का फर्श करवा दिया था. कासगंज पुलिस ने 1 सितंबर की रात गौतम बुद्ध नगर जाकर उक्त मकान से खुदाई कर तीनों के कंकाल बरामद किये तो वहां उपस्थित लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई.
यहीं नहीं इसी मामले से संबंधित कासगंज के ढोलना थाना क्षेत्र में ही एक और युवक राजेश उर्फ कलुआ की भी राकेश और उसकी प्रेमिका पुलिस कॉन्सटेबल रूबी द्वारा निर्ममता पूर्वक गड़ासे से सर और दोनो हाथ काटकर हत्या का खुलासा कासगंज पुलिस ने इसी दिन किया.
इन 4 हत्याओं के सनसनीखेज खुलासे से प्रेम में अंधे राकेश के सीरियल किलर का खौफनाक चेहरा सामने आया है. कासगंज पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी राकेश, उसके पुलिस से रिटायर पिता बनवारीलाल, मां इंदुमती, भाई राजीव और प्रवेश, प्रेमिका पुलिस कॉन्सटेबल रूबी सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर कासगंज जेल भेजा है. इन सभी लोगों की इन चारों हत्याओं में संलिप्तता सामने आई है. खोदकर निकाले गए कंकालों को टेस्टिंग के लिए लैब भेजा गया है.
पुलिस ने पत्नी रत्नेश और दोनो बच्चों अवनी उम्र 3 साल और अर्पित उम्र डेढ़ साल की हत्या में प्रयुक्त लोहे की रॉड और दोस्त राजेन्द्र उर्फ कलुआ की हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल गड़ासा भी बरामद कर लिया . राकेश ने अपने दोस्त जो तीनों की हत्या का राज भी जानता था और जिसकी कद काठी भी राकेश से मिलती जुलती थी उस राजेन्द्र को 26 अप्रैल 2018 को अपनी बाइक पर बैठाकर फिर कासगंज जनपद के ढोलना थाना क्षेत्र के मारूपुर के जंगल मे ले जाकर मोटर साइकिल की डिक्की में पहले से रखकर लाये गए गड़ासे से अपनी प्रेमिका पुलिस कॉन्सटेबल रूबी के साथ मिलकर निर्ममता पूर्वक उसका सर और दोनो हाथ काटकर हत्या कर दी थी.
अपनी बेटी रत्नेश और उसके दो बच्चों की गुमशुदगी और किडनैपिंग का मुकदमा रत्नेश के पिता ने गौतम बुद्ध नगर के बिसरिख थाना में 15 फरवरी 2018 को आईपीसी की धारा 364, 498 ए, 504, 506 व 3/4 डीपी एक्ट के तहत दामाद राकेश, ससुर और राकेश के अन्य परिजनों के खिलाफ़ दर्ज कराया था. जिसमें अभी तक बिसरिख थाना पुलिस विवेचना ही कर रही थी किसी नतीजे पर नही पहुंची थी.
कासगंज पुलिस द्वारा जब इन चारों जघन्य हत्याओं का खुलासा किया गया तो बिसरिख थाना पुलिस ने रत्नेश और उसके दोनो मासूम बच्चों की गुमशुदगी और अपहरण को हत्या के मामले में तरमीम किया. चारों लोगों की जघन्य हत्या को अंजाम देकर मुख्य आरोपी राकेश ने अपनी पहचान छिपाकर कुशीनगर जनपद के कुक्कनपट्टी निवासी दिलीप शर्मा के नाम से अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाया और उसके बाद दिलीप शर्मा बनकर हरियाणा के पानीपत के मछरौला में कई वर्षों तक पहले मजदूर और फिर राज मिस्त्री बनकर काम किया और इस दौरान लगातार अपनी प्रेमिका रूबी से संपर्क में रहा. मुख्य आरोपी राकेश को 1 सितम्बर 2021 को कासगंज पुलिस ने अपनी प्रेमिका से मिलने जाते समय कासगंज जनपद के ढोलना थाना क्षेत्र के गढ़ी तिराहे से गिरफ्तार किया.
दरअसल मुख्य आरोपी राकेश की शादी 31 मई 2012 को एटा जनपद के मारहरा थाना क्षेत्र के गांव नगला कलुआ की रहने वाली रत्नेश कुमारी के साथ हुई थी. शादी के समय से ही राकेश का प्रेम प्रसंग अपने ही गांव नौगावां, कस्बा और थाना गंगीरी जनपद अलीगढ़ की रहने वाली रूबी से चल रहा था. रूबी 2016 में उत्तर प्रदेश पुलिस में कॉन्सटेबल बन गयी थी और गिरफ्तारी तक वो आगरा जनपद में ताज महल की सुरक्षा डयूटी में तैनात थी.
रत्नेश से शादी के बाद भी राकेश अपनी प्रेमिका रूबी से शादी करना चाहता था. जिसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार था. बताया जाता है कि जब राकेश ने रूबी से शादी का प्रस्ताव रखा तो प्रेमिका रूबी ने पहले पत्नी और बच्चों को रास्ते से हटाने की शर्त रखी थी, जिसके चलते राकेश ने अपनी पत्नी और दोनों मासूम बच्चों की हत्या कर मकान में ही दफना दिया.
कासगंज पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी राकेश की निशान देही पर ग्रेटर नोएडा गौतम बुद्ध नगर जाकर बिसरिख थाना क्षेत्र के पंच विहार कालोनी के उस 51 नंबर मकान के तहखाने की खुदाई कर सभी तीन लोगों के कंकाल भी बरामद कर लिया.
कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि तीन लोगों की हत्या के बाद आरोपी राकेश ने अपने मित्र कासगंज के ढोलना थाना क्षेत्र में राजेन्द्र उर्फ कलुआ की हत्या 26 अप्रैल 2018 को अपनी प्रेमिका पुलिस कॉन्सटेबल रूबी के साथ मिलकर गड़ासे से काटकर की थी. इसकी हत्या इसलिए की थी कि वह राकेश की कद काठी से मिलता जुलता था और उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की हत्या का राज जानता था.
हत्या के बाद इसको राकेश ने अपने कपड़े पहना कर घटना स्थल पर अपना आधार कार्ड और एलआईसी के कागजात छोड़कर फरार हो गया था और सोची समझी साजिश के तहत अपनी खुद की हत्या का स्वांग रचने और खुद को मृतक दिखाने के लिए अपनी खुद की हत्या का मुकदमा कासगंज के ढोलना थाना में अपने भाई राजीव के द्वारा आईपीसी की धारा 302, 201 के तहत अपने ससुर मोतीलाल, साले जितेंद्र और रवि के खिलाफ दर्ज करवा दिया था. इसी मुकदमे की विवेचना के दौरान कासगंज पुलिस प्रेम प्रसंग में पत्नी और दोनों बच्चों की हत्या के खुलासे तक पहुंची.
मुख्य अभियुक्त राकेश बहुत ही शातिर दिमाग का था और नोएडा में ही एक लेबोरेटरी में काम करता था. उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए चेहरे की सर्जरी करवाकर खुद की मौत का स्वांग भी रचा था, जिससे पुलिस फ़ाइल में वो मृत साबित हो सके. एसपी कासगंज रोहन प्रमोद बोत्रे ने एसओजी टीम के साथ मिलकर डीएनए टेस्ट, सर्विलांस की मदद से इस पूरे हत्याकांड का खुलासा किया.
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