नोएडा (अविनाश तिवारी) . कोरोना काल में अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के इलाज में लगे हैं तो वहीं कई गंभीर मामलों को लेकर अस्पतालों की संवेदनहीनता भी सामने आ रही है. इस बीच नोएडा में एक पिता अपने बच्चे के इलाज के लिये दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हुआ. निजी एंबुलेंस में अपने बच्चे को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाता रहा लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. आपको बता दें कि बच्चा छत से गिरकर घायल हो गया था.


बुधवार को इस पिता को छत से गिरकर घायल हुए अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए छह अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े. अंत में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज मिला.


कासना के डाढ़ा गांव में रहने वाले रोशन कुमार का आरोप है कि पुत्र देव (1) बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे मकान की दो मंजिला छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. इलाज के लिए बच्चे को ग्रेनो स्थित आइवरी अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को एक निजी एंबुलेंस से सीएचसी बिसरख रेफर कर दिया.


25 हजार जमा करो तब होगा इलाज


यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने सिटी स्कैन व एक्सरे की सुविधा नहीं होने की बात कहकर ग्रेनो स्थित यथार्थ अस्पताल रेफर कर दिया. यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में सिर्फ कोविड मरीजों का इलाज होता है, इसलिए उन्हें नोएडा के सेक्टर-110 वाले यथार्थ अस्पताल जाना होगा.


यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि इलाज में करीब 25 हजार रूपये का खर्च आएगा. पैसा जमा करने पर ही उपचार शुरू होगा, लेकिन जब उन्होंने रुपये जमा करने में असमर्थता जताई तो बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया.


सफदरजंग में शुरू हुआ उपचार


जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बाल रोग विशेषज्ञ व सिटी स्कैन सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने की बात कहकर बच्चे को सफदरजंग अस्पताल ले जाने को कहा. वहां से बच्चे को दिल्ली से सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां बच्चे को भर्ती कर उसका उपचार किया जा रहा है.


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