लखनऊ, एजेंसी। कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलते संक्रमण से जनता को बचाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे 'सैनेटाइजेशन टनल' (Sanitation tunnel)  बनाने पर काम कर रहा है। इस सैनैटाइजन टनल में स्प्रे में कौन सा रसायन कितनी मात्रा में मिलाया जाए, जिसका जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न डाले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से सलाह मांगी गई है। इसके साथ ही, रेल मंत्रालय से भी अनुमति मांगी गई है। दोनों मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद ही इस टनल का इस्तेमाल किया जाएगा।


विकसित किया जा रहा है सैनेटाइजेशन टनल का प्रोटोटाइप 


उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में कई संगठनों के सहयोग से स्प्रे/मिस्ट बेस्ड सैनेटाइजेशन टनल का प्रोटोटाइप विकसित किया जा रहा है और उसके गुण व अवगुणों पर मूल्यांकन भी किया जा रहा है।


अब तक तय नहीं, कहां लगाए जाएंगे टनल


उन्होंने बताया, 'इस संबंध में कोचिंग डिपो प्रयागराज, इलेक्ट्रिक लोको शेड कानपुर और इलेक्ट्रिक लोको शेड झांसी में तीन अलग-अलग डिजाइन के सैनेटाइजेशन टनल के प्रोटोटाइप विकसित किए गए हैं। इनका परीक्षण किया जा रहा है और अधिकृत विशेषज्ञों द्वारा सभी गुणों और अवगुणों की पूरी जांच व अनुमोदन के बाद इनको लगाया जाएगा।' उन्होंने ये भी बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि टनल कहां लगाए जाएंगे। इनमें कौन सा केमिकल इस्तेमाल किया जाएगा। अगर किसी रेलवे स्टेशन पर इसे लगाते हैं, तो इसके लिए कई टनल की आवश्यकता होगी, क्योंकि स्टेशनों पर काफी भीड़ होती है।


भारत सरकार की अनुमित के बाद ही होगा इस्तेमाल

चौधरी ने बताया कि अभी हम केवल टनल का मॉडल विकसित कर रहे हैं। जब तक भारत सरकार से हमें इसकी अनुमति नहीं मिलती है, हम इसे नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय हमें बताएगा कि इसमें कौन सा रसायन लोगों को सैनेटाइज करने के लिए स्प्रे करना है। अभी टनल का जो मॉडल विकसित किया जा रहा है, उसमें पानी की फुहारे डालकर हम ट्रायल कर रहे हैं।


क्या है सैनेटाइजेशन टनल




  • इसमें गुजरने के बाद व्यक्ति पूरी तरह से सैनेटाइज होकर बाहर निकलेगा।

  • रेलवे अधिकारियों का दावा है कि इस टनल के गुजरने के बाद पूरी तरह से कोरोना वायरस का खतरा समाप्त हो जाएगा।

  • जानकारी के अनुसार, इस टनल की ऊंचाई 8 फीट, चौड़ाई 4 फीट और लंबाई 13 फीट रखी गई है।

  • इस टनल को हाई प्रेशर जेट मशीन से कनेक्ट किया गया है, जिसके माध्यम से सैनेटाइजेशन केमिकल वैपर के फार्म में निकलेगा।

  • कहा जा रहा है कि ये इंसान के पूरे शरीर को 5-7 सेकेंड में सेनेटाइज कर देगा।


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