वाराणसी, एबीपी गंगा। वारणसी से पीएम नरेंद्र मोदी जहां एक बार फिर से उम्मीदवार हैं वही विपक्ष ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, प्रियंका गांधी के नाम की चर्चा के बीच वाराणसी लोकसभा सीट काफी दिलचस्प होती जा रही है, बनारस में हर जगह प्रियंका के नाम की चर्चा है और लोगों के बीच प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने को लेकर काफी उत्सुकता नजर आ रही है।
इस चुनावी समर में सबसे दिलचस्प सीट वारणसी की होती जा रही है जहां एक तरफ पूर्वांचल के लगभग सभी सीटों पर कांग्रेस समेत विपक्ष ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं तो वही दूसरी तरफ वारणसी में बीजेपी के अलावा अभी तक किसी भी दल ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। प्रियंका के वारणसी से चुनाव लड़ने के कयास के बीच कांग्रेस से 2014 के लोकसभा प्रत्यशी रहे अजय राय कहते हैं कि काशी से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने का मतलब होगा मोदी की हार, क्योंकि मोदी जी ने काशी में विकास के नाम पर कुछ नहीं किया और काशी की जनता ने मोदी जी के विकास के छलावे को देख लिया है।
ऐसे में प्रियंका जी अगर यहां से चुनाव लड़ती हैं तो उन्हें हराना मोदी जी के लिए आसान नहीं होगा वहीं बीजेपी के महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि कहते हैं कि पीएम मोदी लोगों के मन में बस चुके हैं कोई भी आकर यहां से चुनाव लड़ ले मोदी जी को कोई नहीं हरा सकता।
वहीं दूसरी ओर वारणसी के आम लोगों में मोदी को लेकर उत्साह बरकरार तो है लेकिन आम जनता मानती है कि प्रियंका गांधी के आ जाने से बनारस का चुनाव काफी दिलचस्प हो जाएगा। अस्सी घाट पर दुकान लगाने वाली मालती देवी कहती हैं प्रियंका के आने से मोदी जी परेशान हो जाएंगे, वहीं तमाम बनारस के लोगों में प्रियंका बनाम मोदी को लेकर उत्साह है और लोग ये भी मानते है कि अगर प्रियंका गांधी विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर वाराणसी आती हैं तो पीएम मोदी के लिए खतरा हो सकता है। हालांकि ऐसा कहनेवाले भी तमाम लोग हैं कि जो ये कहते हैं कि पीएम मोदी के खिलाफ कोई भी चुनाव लड़ ले उन्हें कोई नहीं हरा सकता।
प्रियंका के आने से दिलचस्प होगी लड़ाई
बनारस को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार 'एके लारी' का कहना है कि प्रियंका अगर यहां पर विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर आती है तो जाहिर सी बात है कि जातीय समीकरण उसे अगर ध्यान में रखा जाए तो पीएम मोदी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बीएचयू के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर हेमंत मालवीय बताते हैं कि प्रियंका और मोदी अगर आमने सामने होते हैं तो निश्चित रूप से कोई भी शख्स चुनाव जीत सकता है।
आर्य महिला पीजी कॉलेज की राजनीति शास्त्र विभाग की प्रमुख डॉ भावना का कहना है कि प्रियंका अगर बनारस से संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर आती है तो सपा, बसपा और मुस्लिम वोटों के अलावा उन्हें ब्राम्हणों के वोट भी काफी संख्या में मिलेंगे। ऐसे में मोदी जी के लिए प्रियंका परेशानी जरूर खड़ा कर सकती हैं।