दिवाली से पटाखे फोड़ने से पहले सौ बार सोच लें। जी हां... दिवाली पर अगर आप पटाखा फोड़ते हुए मिलते हैं तो आपको जेल हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं आप पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत प्रदूषण फैलाने वाले के लिए पांच से सात साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। दोषी व्यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि हवा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम बनाए गए हैं। इसके अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सभी राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का गठन किया गया है। इन्हीं विभागों के पास वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आदेश देने और कार्रवाई करने का अधिकार हैं।
वकीलों का कहना है कि एनजीटी को प्रदूषण फैलाने वाले व्यक्ति को तीन साल की सजा सुनाने का अधिकार है। इसके अलावा वो 10 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा सकता है। यहीं नहीं, आदेश का पालन ना होने पर 25 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भी जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं, किसी कंपनी द्वारा प्रदूषण फैलाए जाने पर ये जुर्माना 25 करोड़ रुपये तक हो सकता है। नियम का पालन ना करने पर कंपनी के खिलाफ एक लाख रुपये पर्ति दिन का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट?
देश में किसी को भी वायु प्रदूषित करने का अधिकार नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के मौलिक अधिकार के तहत स्वच्छ हवा पाने का अधिकार भी आता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट भी अपने फैसले में यह बात साफ कर चुका है।