उन्नाव, एबीपी गंगा। उन्नाव में बेसिक शिक्षा अधिकारी पर गाज गिरी है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट में अधिकारियों ने जमकर बंदरबांट किया है। 9 करोड़ से अधिक के बजट में हुए खेल का अब पर्दाफाश हो रहा है। शासन की प्रारम्भिक जांच में घोटाले की परत खुलकर सामने आने के बाद बीएसए व आपूर्तिकर्ता एजेंसी मेसर्स मां वैष्णो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही एक अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि पूरे मामले को लेकर सपा एमएलसी और प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने ये मुद्दा उठाया था और शासन में शिकायत दर्ज करवाई थी। वहीं सपा एमएलसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा था। जिसके बाद शासन ने पूरे मामले की जांच करवाई थी ।
घोटाले की खबर सामने आने के बाद सपा प्रवक्ता एमएलसी सुनील साजन एनी बेस्ट आचार के खिलाफ मोर्चा खोला था, मामले की गूंज मुख्यमंत्री तक पहुंची तो जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आ गए। चार दिन पहले हुई जांच में कंपोजिट ग्रांट में की खरीदारी में बड़े स्तर पर अनियमितता पाई गई। जांच टीम ने शासन को मामले की रिपोर्ट सौंपी तो राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा विजय किरण आनंद ने रविवार को बीएसए बीके शर्मा व आपूर्तिकर्ता एजेंसी मां वैष्णो के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दिये, जिसके तहत उन्नाव के प्रभारी बीएसए राकेश कुमार ने सोमवार देर शाम उन्नाव सदर कोतवाली में तहरीर दी। जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बीएसए के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते है शिक्षा विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। वही मामले में कई खंड शिक्षा अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।
मध्यान्ह भोजन विकास प्राधिकरण लखनऊ के डिप्टी डायरेक्टर उदय भान के सिंह के नेतृत्व में टीम पहुंची थी। आपको बता दें कि स्कूलों में स्टेशनरी, डस्टबिन व खेल सामग्री खरीददारी में लाखों का खेल करने का आरोप है। वहीं टीम ने कंपोजिट ग्रांट के तहत स्कूलों में खरीदी गई सामग्री को जांचा। टीम ने शिक्षकों से खरीद मामले में गहनता से पूछताछ की थी। कंपोजिट ग्रांट बेसिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यालयों में धनराशि प्रेषित की गई थी। इसमें जनपद स्तर के द्वारा जिलाधिकारी के द्वारा एक समिति गठित की थी।
उस समिति की संस्तुति पर और राज्य परियोजना कार्यालय के द्वारा जांच टीम गठित हुई थी जांच आख्या के आधार पर तत्कालीन शिक्षा बेसिक अधिकारी और एक फर्म है इसमें एजेंसी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी गई है। इसमें अनियमितता है जो धनराशि विद्यालयों में प्रेषित की गई है उस धन राशि का सदुपयोग नहीं हो पाया है और जांच में यह भी सामने आया है कि जो सामग्री क्रय की गई है वह बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर की गई है धन राशि बताना संभव नहीं है ।
उन्नाव के प्राइमरी स्कूलों में जो कंपोजिट ग्रांट आवंटित की गई है। आखिर वह ग्रांट अलग-अलग स्कूलों की अलग-अलग रेट की कैसे है। बता दें कि कंपोजिट ग्रांट पांच सौ रुपये की मिलती है। वह 5000 में स्कूलों को दी जा रही है वहीं जो 1000 की कंपोजिट ग्रांट होती है उसे 10000 रुपए में आवंटित किया जा रहा है। आखिर यह जो 4000 और 9000 का गैप है यह पैसा किसकी जेब में जा रहा है । यह बड़ा सवाल था । जिसको लेकर सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी ।