Kanpur News: कानपुर में सीसामऊ सीट पर उपचुनाव के दौरान सपा की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने प्रचार  और जनसंपर्क के समय सीसामऊ विधान सभा क्षेत्र में बने एक शिव मंदिर में पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था. जिसको लेकर उस वक्त सियासत भी तेज हुई और धार्मिक धर्म गुरुओं की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आई थी, जिसमें नसीम के खिलाफ मुस्लिम धर्म गुरु ने फतवा जारी किया था. मंदिर में मुस्लिम महिला और सपा की प्रत्याशी नसीम के प्रवेश करने और जलाभिषेक को लेकर मंदिर परिसर को गंगाजल से धोकर शुद्ध किया था. 


लेकिन उपचुनाव के परिणाम आने के एक दिन पहले ही एक हिंदू शख्स ने नसीम को फोन पर धमकियां दी और कहा कि किसी से मंदिर को धोकर साफ करा दो क्योंकि तुमने मुस्लिम होकर मंदिर में मंदिर को गंदा कर दिया और हिंदुओं की आस्था को आहत किया, जिसके बाद नसीम की जीत हुई वो सीसामऊ से विधायक चुनी गई. लेकिन आज नसीम को धमकी देने वाले शख्स धीरज चढ्ढा ने कानपुर न्यायालय में नसीम के खिलाफ आस्था को ठेस पहुंचाने के चलते परिवाद दाखिल कर दिया है.


फोन कर दी थी धमकी
जीत का जश्न मनाने नसीम जैसे ही कानपुर से महराजगंज जेल अपने पति और सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से नसीम मिलने पहुंची वैसे ही कानपुर कोर्ट में नसीम के खिलाफ एक शख्स ने हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने के एवज में न्यायालय में परिवाद दाखिल कर नसीम की मुश्किलें बढ़ा दी साथ ही. दरअसल, नसीम को फोन पर मतगणना के एक दिन पहले फोन कर मंदिर को साफ करवाने की बात कही थी और ऐसा न करने पर पूरे शहर से 200 मुकदमे लगवाने की धमकी दी थी. 


अब उसकी शुरुआत होती हुई दिखाई दे रही है क्योंकि धमकी देने वाले शख्स धीरज चढ्ढा ने अपने वकील के माध्यम से सपा की नवनिर्वाचित विधायक के खिलाफ परिवाद दाखिल कर कानूनी पचड़े में फंसा दिया है. वहीं धीरज चढ्ढा ने बताया कि नसीम से उनकी बात हुई थी वो एक हिन्दू है और हिंदू देवी देवताओं पर उनकी आस्था है लेकिन नसीम सोलंकी मुस्लिम धर्म से आई है और उनके घर में सुबह का नाश्ता ही मांसाहार से होता है और उनके मंदिर में पहुंचकर शिलिंग का जलाभिषेक किया था, जिसे हिंदुओं की धार्मिक आस्था और देवीदेवताओं का अपमान हुआ है. 


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भुगतना पड़ेगा खामियाजा- वादी
उन्होंने कहा कि इसके चलते उनके खिलाफ न्यायालय अपरिवाद दाखिल किया गया है, वहीं परिवाद दाखिल करने वाले धीरज ने कहा कि न्यायालय में उनका परिवाद दाखिल हो गया है और न्यायालय की ओर से उन्हें 20 दिसंबर 2024 की तारीख मिली है. अगर नसीम दोबारा मंदिर आई तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. साथ ही नसीम मंदिर पहुंचे सभी हिंदुओं से माफी मांगे और दोबारा किसी भी मंदिर न जाने की कसम खाए.


इसी बाबत परिवाद दाखिल करने वाले वादी के वकील सुरेन्द्र चौहान ने बताया कि परिवाद में मुकदमा रजिस्टर हो गया है. न्यायालय की ओर से उन्हें 20 तारीख मिली है. उनके क्लाइंट की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है जिसके चलते नसीम सोलंकी के खिलाफ परिवाद दाखिल किया है.