Lucknow Police:  अभी तक आपने डकैतों को डकैती डालते सुना और देखा होगा, लेकिन क्या होगा जब लोगों को सुरक्षा देने वाली पुलिस ही रक्षक से भक्षक बन जाए. इसकी बानगी देखने को मिली यूपी के लखनऊ शहर में. जहां पुलिस की डकैती का एक मामला सामने आया है. बता दें कि लखनऊ पुलिस कमिश्नरी ने डीसीपी पूर्वी लखनऊ की क्राइम ब्रांच में तैनात आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ काकादेव थाना कानपुर में डकैती समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.


पुलिस वालों ने लगाए मयंक पर झूठे आरोप


इन पुलिस वालों पर आरोप है कि इन्होंने शहर के एक बीबीए छात्र, उसके मामा और दोस्तों को फर्जी मुकदमें में जेल भेजने की धमकी देकर 40 लाख रुपए वसूले थे. इतना ही नहीं पुलिस वालों ने दबिश के दौरान घर में रखे गहने भी लूट थे. वहीं जब पीड़ित ने इसकी शिकायत की तो पुलिसकर्मियों ने उसके खिलाफ गोमती नगर थाने में जुआ अधिनियम में एफआईआर दर्ज करके उसे जेल भेजा दिया. बताया जा रहा है कि जब पीड़ित की सुनवाई कानपुर और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में नहीं हुई तो उसने कोर्ट की मदद से आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.


दबिश के बहाने घर में पुलिस वालों ने डाला डाका


दरअसल शास्त्री नगर कानपुर का रहना वाला मयंक बीबीए की पढ़ाई कर रहा है. मयंक के मुताबिक 24 जनवरी 2021 की शाम उसने अपने दोस्त जमशेद और आकाश गोयल के साथ काकादेव में चाय पी थी. इसके बाद जब वो तीनों घर जाने लगे तो डबल पुलिया के पास एक स्विफ्ट डिजायर कार और एक बिना नंबर वाली नीले रंग की टाटा सूमो गोल्ड वहां आकर रुकी. जिसमें डीसीपी पूर्वी लखनऊ की क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी मौजूद थे. इन सभी पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि वो मयंक और आकाश गोयल को कार में उठा ले गए थे. और उनके साथ लखनऊ कैंट थाने में मारापीट की.


पुलिस ने लूटे घर से पैसे और गहने


पुलिस वाले यही नहीं रूके इसके बाद वो हजरतगंज में मयंक के मामा के घर गए और वहां से उसके मामा दुर्गा सिंह को उठाने के बाद कोचिंग संचालक शमशाद को लेकर कैंट थाने पहुंचे और सभी के साथ जमकर मारपीट की. इसके बाद 25 जनवरी के सुबह करीब साढ़े तीन बजे पुलिसकर्मी इन सभी को लेकर मयंक के घर पर दबिश देने पहुंचे. और वहां से तीस हजार रुपये की नकदी और एक हार का सेट लूटकर ले गए. पूरे मामले के बाद जब पुलिसकर्मियों ने खुद को फंसते हुए देखा तो वसूली की रकम को जुए में बरामद दिखाने की कोशिश करने लगे.


पैसे और जेवर लूटने पर भी नहीं रूके पुलिसकर्मी


वहीं पुलिसकर्मियों पर ये भी आरोप है कि घर में डाका डालने के बाद वो मयंक के परिवार वालों से उसे छोड़ने के बदले में 1 करोड़ रुपए की मांग करते रहे. लेकिन परिवार वालों ने उनके साथ 40 लाख रुपए में सेटलमेंट की बात तय की है. और उसी दिन सुबह परमट चौराहे पर पुलिसकर्मियों ने परिवार वालों से ये पैसे ले लिए. इसके बाद जब इसकी शिकायत तत्कालीन डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से की जाती है तो इसकी भनक आरोपी पुलिसकर्मियों को लग जाती हैय जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी साजिश के तहत दुर्गा सिंह, मयंक सिंह, शमशाद अहमद, मुस्ताक, आकाश गोयल पर गोमती नगर जुआ अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाकर 23 लाख रुपये की रिकवरी दिखाते हैं.


इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR


कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दरोगा रजनीश वर्मा, सिपाही देवकी नंदन, संदीप शर्मा, नरेंद्र बहादुर सिंह, राम निवास शुक्ला, आनंद मणि सिंह, अमित लखेड़ा व रिंकू सिंह पर डकैती, धमकी देने, गाली गलौज करने समेत अन्य गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया है. एफआईआर दर्ज करने के बाद काकादेव इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरू कर दी है.


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