लखनऊ, संतोष कुमार। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक तरफ उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो वही इस संकट के हालात में अगर किसी अस्पताल में आग लग जाए तो प्रदेश के तमाम सरकारी निजी अस्पतालों में आग से निपटने के संसाधन दुरुस्त नहीं हैं। बीते बुधवार लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) ट्रामा सेंटर में लगी आग के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के फायर विभाग ने प्रदेश भर में जांच कराई तो यही सच्चाई सामने आई है। फिलहाल विभाग ने जिम्मेदार अफसरों को इन कमियों को जल्द पूरा करने का आदेश दिया है।


बीते बुधवार की रात केजीएमयू के ट्रामा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित मेडिसिन विभाग में लगी आग से मची अफरातफरी और इस घटना से शुरू हुई प्रदेश भर के अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजामों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रदेश भर के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पतालों के साथ-साथ कोविड-19 के निजी अस्पतालों में आग से निपटने के या तो संसाधन नहीं हैं या फिर जो हैं भी तो खस्ताहाल हैं। डीजी फायर आरके विश्वकर्मा के आदेश पर हुए इस ऑडिट में सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में तमाम खामियां मिली हैं।



प्रदेश भर में हुए इस ऑडिट के बाद सामने आए तथ्य


प्रदेशभर के 54 मेडिकल कॉलेज में 27 खामियां मिली। सिर्फ प्रयागराज, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, कानपुर, इटावा, झांसी, जालौन, रायबरेली ,सीतापुर ,अयोध्या, बाराबंकी, नोएडा, मुजफ्फरनगर और बलिया स्थित सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज ऐसे थे जहां पर कोई कमी नहीं पाई गई। बाकी जिलों के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज में फायर विभाग को ऑडिट के दौरान कमी नजर आई। कहीं अलार्म सिस्टम काम नहीं कर रहा था तो कहीं हौजपाइप सड़ा गला था तो किसी जगह आग बुझाने वाला यंत्र ही बेकार पड़ा था।


वही प्रदेश भर के सरकारी जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी की जांच की गई तो 223 ऐसे हेल्थ सेंटर थे जहां आग बुझाने के उचित इंतजाम गायब थे।


इसके साथ ही फायर विभाग ने कोरोना के चलते जिलों में कॉविड 19 के निजी अस्पतालों का भी ऑडिट कराया, तो प्रदेश भर के 247 निजी कोविड-19 अस्पतालों में 120 अस्पतालों में कमियां पाई गई। जिसमें मथुरा के सभी 16, कोविड-19 अस्पतालों में कमी मिली। तो शाहजहांपुर के 11 में अस्पताल में, रामपुर के सभी 9 निजी कोविड-19 अस्पतालों में, अमरोहा के 20 निजी अस्पतालों में, औरैया के 33 निजी अस्पतालों में, गाजियाबाद के 6 निजी अस्पतालों में, आजमगढ़ के 13 निजी अस्पतालों में और लखनऊ के एक अस्पताल में कमी मिली है।


फिलहाल तो प्रदेश भर में हुए इस ऑडिट के बाद उजागर हुई खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए डीजी फायर आरके विश्वकर्मा की तरफ से सभी जिलों के कप्तान, डीएम के साथ-साथ सीएमओ, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और जिले के चीफ फायर ऑफिसर को निर्देश दिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर कमियों को दूर करने के बाद सभी जिलों के सीएफओ से रिपोर्ट भी मांगी गई है।