देहरादून. पहाड़ों में गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगल आग से धधकने लगे हैं. अप्रैल के पहले हफ्ते में ही आग ने जंगलों में अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है. यमुना घाटी के अपर यमुना वन प्रभाग, टौंस वन प्रभाग और गोविन्द वन्य जीव विहार में भी जंगलों की आग का बेकाबू रूप देखा जा रहा है.
तीनों प्रभागों में अब तक 15 हेक्टेयर वन भूमि आग की चपेट में आ चुकी है. हालांकि समय-समय पर वन महकमा आग प्रभावित क्षेत्रों में अग्निशमन दस्ते की मदद से आग बुझाने की कोशिश कर रहा है. आग ज्यादा होने की स्थिति में एसडीआरएफ की मदद भी ली जा रही है.
आग से कई जानवरों को खतरा
जंगल की आग न केवल वन भूमि को नष्ट कर रही है, बल्कि जंगलों में जीव-जन्तु छोटे-छोटे कीटों को भी नुकसान पहुंच रहा है. यमुना घाटी के पोंटी में तीन छानिया जबकि नगांणगावं में पांच छानिया जंगल की आग से प्रभावित होकर राख हो चुकी है. इन दिनों जंगलो की आग पशु पालको के लिए भी कई मुसीबतें पैदा कर रही ही हैं. जंगलो में चरने वाली भेड़-बकरिया भी आग के चलते अपना चारा नही ले पा रहे हैं.
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