फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना से माता-पिता की या दोनों में से एक की मौत होने पर अनाथ बच्चों को चिन्हित करके उनकी मदद कर रही है. बात फिरोजाबाद की करें तो जिले में भी 25 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिसमें फिरोजाबाद ब्लॉक में 10 बच्चे, नारखी ब्लॉक से 7 बच्चे, शिकोहाबाद में 5 बच्चे, टूंडला तहसील में 3 बच्चे हैं जिनकी मदद की जाएगी. लेकिन, एबीपी गंगा की टीम ने इन 25 बच्चों को लेकर एक परिवार से केस स्टडी की तो कहानी कुछ और ही निकली. परिवार का कहना है कि उनके पास तो अभी तक कोई ऐसी सूचना ही नहीं है.


कोरोना ने ले ली पिता की जान 
फिरोजाबाद ब्लॉक में रहने वाला ये परिवार विभव नगर में रहता है. इस परिवार में दो मासूम बच्चे हैं. 8 साल का अवशयू अग्रवाल और 6 वर्ष की अनाया. इन दोनों के सिर से पिता का साया कोरोना ने छीन लिया है. इन बच्चों के पिता विकास अग्रवाल जिनकी उम्र 38 वर्ष थी, उनकी कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट 22 अप्रैल को आई. 24 अप्रैल को उन्हें सरकारी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड भर्ती कर दिया गया. 4 दिन में भर्ती रहे और 28 अप्रैल को उनकी मौत हो गई. 


अस्पताल ने नहीं दी थी सूचना 
पत्नी चारुल अग्रवाल ने अस्पताल में इस बात को लेकर हंगामा भी किया था कि हॉस्पिटल प्रशासन ने मृतक के परिवार को सूचना तक नहीं दी. हंगामे के बाद बमुश्किल उन्हें मृतक का शव दिया गया. मृतक विकास अग्रवाल की पत्नी चारुल अग्रवाल का आरोप है कि उनकी हत्या कर दी गई. विकास अग्रवाल ने मरने से पहले आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहने के समय अपना वीडियो भी बनाया था, जिसमें उन्होंने साफ-साफ कहा था कि उन्हें ऑक्सीजन प्रॉपर नहीं मिल रही है, उनकी जान जा सकती है और फिर उनकी मौत हो गई.


प्रशासन से कोई सूचना ही नहीं है
विकास की मौत के बाद चारुल अग्रवाल अपने दोनों बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. पहले वो किराए के मकान में रहती थीं. रुपयों के अभाव में उन्हें घर खाली करना पड़ा. अब वो अपने एक रिश्तेदार के यहां गुजर बसर कर रही हैं. उन्हें उम्मीद है उत्तर प्रदेश सरकार उनकी मदद करेगी, लेकिन दुखी परिवार के पास अभी तक प्रशासन से कोई सूचना ही नहीं है. यहां तक की मृतक की पत्नी के पास अपने पति की पॉजिटिव रिपोर्ट, डेथ सर्टिफिकेट, वो वीडियो भी है जो उनके पति ने मारने से पहले बनाया था. 


मदद करेगी सरकार 
वहीं, इस बारे में जब मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ से बात की गई तो उनका कहना था कि सरकार ने ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के आदेश दिए हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है. जिनके सिर से माता-पिता या माता या पिता का साया उठ गया है. हमने 25 बच्चों को चिन्हित किया है और सरकार को रिपोर्ट भेज दी है. सरकार ही इनकी मदद करेगी. 


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