Firozabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वेंटिलेटर तो है लेकिन उन्हें चलाने वाले विशेष चिकित्सा नहीं है. इसलिए वह वेंटिलेटर इस समय सफेद हाथी बन खड़े हुए हैं जिनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. जब कोरोना काल आया था तब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगभग वेंटीलेटर पहुंचा दिए गए थे. लेकिन अब उनकी स्थिति यह हो चुकी है कि उनका इस्तेमाल होता ही नहीं है. फिरोजाबाद में रखे वेंटिलेटर सिर्फ स्टोर रूम में रखे होकर स्टोर रूम की शोभा बढ़ा रहे हैं. क्योंकि विशेष चिकित्सा न होने की वजह से वहां आईसीयू सेवाएं शुरू ही नहीं हो पाई.

शासन से कोई चिकित्सा अधिकारी आए या फिर वेंटिलेटर को लेकर मॉक ड्रिल करनी है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टोर में से वेंटिलेटर को निकाल दिया जाता है. फिर मॉक ड्रिल की जाती है. बताया जाता है कि किस तरह मरीजों को इसकी की सुविधा दी जाएगी. लेकिन वह सिर्फ मॉक ड्रिल तक ही सीमित रहता है. देहात में आज भी मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत है तो उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज ही पहुंचना पड़ता है. इसलिए मरीज को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वेंटिलेटर की सुविधा न दे पानी की वजह से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है.

चिकित्सक की कमी से नहीं हो पाए वेंटीलेटर चालू
फिरोजाबाद में जितने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. उन पर वेंटिलेटर भेजे गए हैं. लेकिन अभी भी आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं. वहां वेंटीलेटर की सुविधा है ही नहीं. इस बारे में जब ACMO डॉ पवन कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पतालों में विशेष चिकित्सकों की कमी के चलते हुए वेंटिलेटर चालू नहीं हो पाए हैं. कोरोना के समय यह वेंटिलेटर भेजे गए थे. शासन को पत्र भेजा गया है कि विशेष चिकित्सकों को यहां पर भेजा जाए.जिससे वहां वेंटिलेटर नहीं है. वहां पर वेंटिलेटर भी भेजे जाएं और विशेष चिकित्सा भी जो मरीज का इलाज कर सके.


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