Cyber Fraud Firozabad: फिरोजाबाद से स्टॉक मार्केट में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, यहां एक चिकित्सक से साइबर अपराधियों की गैंग ने एक करोड रुपए ठग लिए हैं. चिकित्सक की शिकायत पर साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मामला फिरोजाबाद के थाना उत्तर इलाके में रहने वाले चिकित्सक सुभाष शर्मा के साथ साइबर ठगी का है.


थाना उत्तर के विभव नगर इलाके के रहने वाले चिकित्सक डॉ सुभाष शर्मा के मुताबिक, डेढ़ महीने पहले दो साइबर ठगों ने उनके मोबाइल पर तीन अलग-अलग मोबाइल नंबर से फोन कर शिवांगी अग्रवाल और महेश अग्रवाल ने एसएमसी एप के जरिए शेयर ट्रेडिंग में पैसा लगाने को कहा था. इसके लिए तैयार होने पर इन दोनों ने अलग-अलग बैंक खातों में उनसे काफी रुपये ट्रांसफर कराए. इसके बाद इनिशियल पब्लिक आफर (आइओपी) अलर्ट करने के नाम पर 50 लाख रुपये जमा कराए गए. 


साइबर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर शुरू की जांच
उन्होंने रुपये निकालने का प्रयास किया तो आरोपियों ने 30 लाख रुपये कमीशन की मांग की. इस मद में 10 लाख रुपये जमा कराए गए. 20 लाख रुपये एजूकेशन टैक्स के रूप में जमा कराए गए. 20 लाख रुपये और मांगे जा रहे हैं. अब शातिर आरोपी उन्हें रुपये नहीं निकालने दे रहे हैं. इस तरह आरोपियों ने उनसे एक करोड़ रुपये से अधिक की ऑनलाइन ठगी कर ली. चिकित्सक डॉक्टर सुभाष शर्मा ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत फिरोजाबाद साइबर थाने में की है. शिकायत पर साइबर थाने में प्राथमिक की दर्ज कर ली गई है.


साइबर थाने के इंचार्ज जितेन कुमार द्विवेदी बताते हैं कि, डॉक्टर सुभाष शर्मा ने एक तहरीर दी है जिसमें उनके साथ एक करोड रुपए का साइबर फ्रॉड सामने आया है. प्राथमिक की दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है. जल्द से जल्द रकम को रिकवर कर इन साइबर ठगों को गिरफ्तार करने का प्रयास जारी है.


जालसाज निवेशकों को ऐसे बनाते हैं शिकार
साइबर फ्रॉड गैंग स्टॉक मार्केट में शेयर ट्रेडिंग के लिए पहले लोगों से व्हाट्सएप पर बातचीत करते हैं, उसको अपना टीम मेंबर बनाकर एक ग्रुप बनाकर उसे ग्रुप में इन्वेस्टर को जोड़ देते हैं. ग्रुप में ही डिमैट अकाउंट बनाने के लिए एक ऐप का लिंक देते हैं. इन्वेस्टर जब ऐप डाउनलोड कर लेता है तो डिमैट अकाउंट खोलने के लिए भी उस से मोटी रकम लेते हैं. एप के माध्यम से इन्वेस्टर के बैंक बचत खातों से अप लिंक कराकर उनसे पैसे ट्रांसफर कराते हैं. शुरुआती दौर में इन्वेस्टर को अपने ट्रैप में फसाने के लिए लगाए गए शेयर पर अच्छे रिटर्न शो करते हैं और खाते में मोटा मुनाफा दिखाई देता है. इसके बाद निवेशक लालच में फसता जाता है और उसे मोटी रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराते हैं. 


जब निवेशक इस रकम को डिमैट अकाउंट से वापस अपने खाते में ट्रांसफर करने का प्रयास करता है तो साइबर ठग उसे पर रकम न निकालने का दवाब बनाते हैं. अगर निवेशक नहीं मानता है तो फिर उसे पर टैक्स डिडक्शन का बहाना बनाते हैं. निवेशक उनकी इस चाल को समझ जाता है लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है. वह एक मोटी रकम इनके झांसे में आकर दे देता है. बड़ी बड़ी ठगी शिकार हो जाता है.


फिरोजाबाद से रंजीत गुप्ता की रिपोर्ट


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