फिरोजाबाद जिला अस्पताल में बच्चा बदलने पर कोर्ट सख्त, डॉक्टर समेत 9 कर्मचारियों पर FIR दर्ज
Firozabad Baby Swap Case: फिरोजाबाद में जिला अस्पताल में एक नवजात बच्चे के बदलने की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. कोर्ट ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर, कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
Firozabad News Today: फिरोजाबाद जिला अस्पताल में प्रसव के बाद बच्चा बदलने के मामले में न्यायालय ने अस्पताल स्टाफ के खिलाफ पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद फिरोजाबाद थाना उत्तर पुलिस ने डॉक्टर समेत अस्पताल के कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
इस मामले में पुलिस ने पांच और चार अज्ञात अस्पताल कर्मियों को आरोपी बनाया है. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ कृष्णा, अंशुल जैन, अटल पांडे, अजय प्रताप सिंह समेत पांच अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध बच्चा बदलने संबंधित प्रकरण में मुकदमा पंजीकृत किया है.
पीड़ित ने सुनाई आपबीती
फिरोजाबाद के लाइन पार थाना क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित रोहित ने घटना के संबंध में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि बीते साल 18 सितंबर 2024 को छोटे भाई मोहित की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में शाम करीब 8 बजे भर्ती कराया गया था. रोहित ने बताया कि 8.40 बजे अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि उनके भाई की पत्नी को बेटा हुआ है और बच्चा सुरक्षित है.
बच्चा बदलने की जताई आशंका
इस दौरान अस्पताल कर्मचारियों ने ये भी बताया कि जच्चा- बच्चा को वार्ड में बेड पर शिफ्ट कर दिया गया है. शिकायतकर्ता रोहित ने बताया कि जब उसकी ताई ने बच्चे को देखा तो पता चला कि वह वह लड़का नहीं लड़की है. इसके बाद उन्होंने और उनके परिजनों ने घटना की जानकारी अस्पताल के कर्मचारियों को दी.
रोहित का दावा है कि जब उन्होंने अस्पताल के डिलीवरी रूम के रजिस्टर को चेक किया तो पाया कि उनके छोटे भाई के पत्नी के नाम के आगे बच्चे के रुप में पुत्र अंकित था. इसके बाद उन्होंने दोबारा बच्चे का वजन कराया तो वजन 300 ग्राम कम निकला. पीड़ित ने बताया कि उसने इसकी शिकायत डॉ कृष्णा समेत अस्पताल में तैनात अन्य कर्मचारियों से की.
पीड़ित ने आगे बताया कि जब उसने बच्चा बदले की शिकायत की तो डॉ कृष्णा के साथ कर्मचारी अंशुल जैन, अटल पांडे, अजय प्रताप सिंह समेत पांच अन्य लोगों ने उनके और उनके परिजनों के साथ मारपीट और गाली गलौज की. उन्होंने आरोप लगाया कि इन सभी लोगों के जरिये बच्चा बदलने का गंभीर कृत्य किया गया है.
'पुलिस ने दबाव में नहीं लिखा मुकदमा'
पीड़ित परिजनों ने जब इसकी शिकायत थाना उत्तर में की तो अस्पताल कर्मचारियों के दबाव के कारण मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया. इसकी वजह से पीड़ित ने थक हार कर कोर्ट की शरण ली. रोहित कुमार ने बताया कि अधिवक्ता अवधेश कुमार यादव की पैरवी के बाद कोर्ट ने मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिए, तब कहीं जाकर थाना उत्तर में 2 जनवरी 2025 को कोर्ट के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत किया गया.
पुलिस जांच में जुटी
इस संबंध में थाना उत्तर पुलिस ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की विस्तृत और सघन जांच की जाएगी और प्रयास रहेगा की वादी को न्याय दिलाया जाए.
(फिरोजाबाद से रंजीत गुप्ता की रिपोर्ट)
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