'जिंदा हूं मैं..', फिरोजाबाद मृत दिखाकर राशन कार्ड से काटा नाम, दर-दर भटकने को मजबूर बुजुर्ग
Firozabad News: लज्जाराम के परिवार में सिर्फ उनकी पत्नी है लेकिन राशनकार्ड में परिवार के 8 सदस्यों के नाम से राशन जारी होता रहा और अब अचानक 2024 में उन्हें मृत घोषित कर उनका राशन कार्ड से काटा
Firozabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक प्रशासन की लापहवाही के चलते ये बुजुर्ग ख़ुद को जिंदा साबित करने कि लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. मामला शिकोहाबाद के नई बस्ती बोझिया लक्ष्मीनगर का है जहां शिकोहाबाद में पूर्ति निरीक्षक विभाग ने एक जिंदा बुजुर्ग को मृत दिखाकर उसके राशन कार्ड से नाम हटा दिया. जिसके बाद अब वो ख़ुद के जिंदा होने का सबूत देते हुए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है ताकि उसे राशन मिल सके.
खबर के मुताबिक लज्जाराम पुत्र लाखन सिह का उनकी पत्नी सीमा के नाम से राशनकार्ड था. जिस पर समय-समय पर राशन लेते थे. जब वह हाल ही में राशन लेने के लिए गए तो डीलर ने कहा कि लाखन सिह की मृत्यु होने पर उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया है. जबकि वह जीवित थे. पीड़ित ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी के अलावा कोई नही है लेकिन, उसके राशन कार्ड की पारिवारिक डिटेल को देखें तो उसमें परिवार के अन्य 8 सदस्यों के नाम को समय-समय पर काटा गया है.
लज्जाराम के परिवार में उसकी पत्नी है लेकिन राशनकार्ड में परिवार के 8 सदस्यों के नाम से राशन जारी होता रहा. साल 2024 में लज्जाराम को मृत दर्शाकर नाम काट दिया गया. उसके साथ ही बेटा श्रवण कुमार, शुभम, पंकज कुमार, अरुण कुमार, 2021 में और 2024 में बाबू, राजकुमारी, संजीव कुमार के नाम को निरस्त कर दिया. सवाल यह है कि आखिर जब पीड़ित के कोई अन्य संतान नहीं तो फिर 8 नाम राशन में कैसे जोड़े गए और फिर उनके नाम को किस आधार पर काट दिया गया.
दर-दर भटकने को मजबूर बुजुर्ग
पीड़ित ने जब राशनकार्ड की डिटेल निकलवाई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. क्योंकि इसमें उन्हें मृत दिखाया गया है जबकि वो जीवित है. नियमों के मुताबिक किसी मृत का नाम हटाने के लिए मृतक का मृत प्रमाण पत्र भी जरूरी होता है. हैरानी की बात है कि इसमें उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगा हुआ है.
इस बारे में जब एसडीएम अंकित वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में नही है. मामले की शिकायत आने पर जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं राशन डीलर राहुल कुमार ने कहा कि तहसील में कार्यरत कर्मचारियों की गलती के कारण उनका नाम काटा गया है.
इनपुट- रंजीत गुप्ता
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