Firozabad News: फिरोजाबाद में 2008 के परिसीमन के बाद इस लोकसभा का भौगोलिक और जातीय समीकरण दोनों बदल चुके थे. अब यह लोकसभा सुरक्षित से हटकर सामान्य श्रेणी में आ गई थी.लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद फिरोजाबाद लोकसभा की जो तस्वीर अस्तित्व में आई वह भी समाजवादी पार्टी के अनुकूल थी दरअसल फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर अब फिरोजाबाद सदर शिकोहाबाद ,सिरसागंज, टूंडला और जसराना विधानसभा को मिलाकर फिरोजाबाद लोकसभा तैयार की गई थी. इस लोकसभा पर जो नया समीकरण बना वह समाजवादी पार्टी को मजबूत बनाता था.


लिहाजा यादव और मुस्लिम बाहुल्य इस लोकसभा पर 2009 के चुनाव में समाजवादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी युवराज और समाजवादी पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया था.कन्नौज और अखिलेश का लगाव पहले से था लिहाजा दो सीट में से एक सीट पर अखिलेश को सांसद रहना था. उन्होंने कन्नौज की जनता के भारी जनादेश का सम्मान करते हुए कन्नौज को चुना और फिरोजाबाद सीट से अपना इस्तीफा यह कहते हुए दे दिया की कन्नौज की जनता ने मुझे बड़ी जीत दी है. लिहाजा में कन्नौज सीट से ही सांसद रहूंगा .


2009 में अखिलेश दो सीटों पर हुए विजय
अखिलेश कन्नौज के साथ-साथ फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर भी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़े. समाजवादी युवराज को फिरोजाबाद की जनता ने सर माथे पर बिठाया और अखिलेश को फिरोजाबाद की सभी विधानसभाओं पर 287011  वोट मिले. उन्होंने यहां से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अपने पुराने साथी एसपी सिंह बघेल को 67301 वोटो से मात देते हुए जीत हासिल की .इधर कन्नौज लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव ने भाजपा के सुब्रत पाठक को बड़े अंतर से हराया था. 


सपा ने डिंपल को उतारा उपचुनाव में
फिरोजाबाद की जनता को अखिलेश का यह इस्तीफा ना गंवार गुजरा इसके चर्चे भी हुए. चर्चा सपा सुप्रीमो तक पहुंची तो सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने जनता की नाराजगी दूर करने के लिए डिंपल यादव को उपचुनाव में लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया. 2009 के उपचुनाव में डिंपल यादव समाजवादी प्रत्याशी के तौर पर फिरोजाबाद से चुनाव मैदान में उतर गई .इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी डिंपल के उतरने के बाद जिसे एक तरफ जीत की नजर से देख रही थी.लेकिन यह जीत हार में तब्दील हो जाएगी यह किसी को नहीं पता था .


कांग्रेस से राज बब्बर बने उपचुनाव में प्रत्याशी
 कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने टूंडला में जन्मे और आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से बसपा की सीमा उपाध्याय से 2009 के चुनाव में हारे, सिनेमा अभिनेता राज बब्बर को फिरोजाबाद आकर चुनाव लड़ने की जिद कर डाली. स्थानीय नेताओं और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संदेश पर कांग्रेस हाईकमान ने राज बब्बर को फिरोजाबाद से प्रत्याशी घोषित कर दिया . राज बब्बर के कांग्रेस से प्रत्याशी घोषित होते ही इस समीकरण की सियासी हवा मानो एकदम पलट गई हो जिस सीट पर कांग्रेस वर्षों से सुख की मार झेल रही थी उसे सीट पर बिना संगठन के छठवें नंबर पर रहने वाली कांग्रेस इस दफा बराबर समाजवादी पार्टी को टक्कर दे रही थी.


उपचुनाव में सपा की हुई हार
सैफई परिवार की बहू का चुनावी मैदान में उतरना मानो पूरे समाजवादी परिवार और सैफई परिवार की साख दांव पर थी. लिहाजा अखिलेश यादव ने उपचुनाव में अपने चुनाव से ज्यादा डिंपल के लिए मेहनत की लेकिन अखिलेश का फिरोजाबाद लोकसभा से इस्तीफा देना उनके लिए भारी पड़ गया. जनता ने अखिलेश का इस्तीफा के जवाब समाजवादी पार्टी को उपचुनाव में दिया.अक्टूबर के महीने में हुए उपचुनाव में जनता ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और सैफई परिवार की बहू डिंपल यादव को नकारते हुए फतेहपुर सीकरी से चुनाव हार कर आए कांग्रेस के राज बब्बर को 84 हजार से ज्यादा वोटो से चुनाव जिताया.


 राज बब्बर की हुई जीत
उपचुनाव में जनता ने राज बब्बर को इस कदर चुनाव लड़ाया कि छठवें नंबर पर रहने वाली कांग्रेस के खाते में भाजपा के साथ-साथ बसपा और सपा का वोट भी डायवर्ट हुआ. उन्हें इस चुनाव में  312728 वोट और  सपा की डिंपल यादव को 227781 वोट मिले .जबकि बसपा के  प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को 213571 और भाजपा के भानु प्रताप सिंह को 9269 वोट मिले. इस उप चुनाव में 84000 से ज्यादा वोट से जीत दर्ज करने वाले राज बब्बर लोकसभा पहुंच गए. लेकिन समाजवादी पार्टी की उपचुनाव में हुई इस हार ने मानो अखिलेश और समाजवादी पार्टी झकझोर कर रख दिया.


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