UP Assembly Election 2022: फिरोजाबाद में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों में उथल-पुथल जारी है. सिरसागंज विधायक हरिओम यादव को समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दी तो उन्होंने भी सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इसी तरह समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा ने भी 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए शिकोहाबाद विधानसभा समाजवादी पार्टी से टिकट के लिए दावेदारी की लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये.
सपा पर लगाया विश्वासघात का आरोप
ओम प्रकाश वर्मा काफी समय से समाजवादी पार्टी में काम कर रहे हैं और समाजवादी पार्टी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें शिकोहाबाद विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मुकेश वर्मा को हराया था लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीते हुए प्रत्याशी ओम प्रकाश वर्मा को समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं दिया.
2017 में समाजवादी पार्टी ने संजय यादव को चुनाव लड़ाया लेकिन संजय यादव को हार का मुंह देखना पड़ा. इस बार 2022 के चुनाव में पूर्व विधायक ओम प्रकाश वर्मा ने समाजवादी पार्टी से टिकट के लिए आवेदन किया लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया कि यह विश्वासघात करने वाली पार्टी है. जिनकी जैसी फितरत होती है उन्हें ऐसे लोग पसंद है.
पूर्व मंत्री रघुवर दयाल थे ओम प्रकाश के बाबा
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक ओम प्रकाश वर्मा के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो उनके बाबा पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा भी फिरोजाबाद से विधायक रहे हैं. उनके देहांत के बाद उनके परिवार की राजनीतिक डोर ओम प्रकाश वर्मा ने ही संभाली है लेकिन उन्हें अब समाजवादी पार्टी में सम्मान नहीं मिला तो वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये.
डाल सकते हैं 5 सीटों पर असर
सिरसागंज विधानसभा के विधायक हरिओम यादव और शिकोहाबाद विधानसभा के पूर्व विधायक ओम प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी कि पांचों विधानसभा सीटों पर असर डाल सकते हैं.
विधायक हरिओम यादव और पूर्व विधायक ओम प्रकाश वर्मा दोनों कट्टर समाजवादी थे लेकिन समाजवादी पार्टी में सम्मान ना मिलने की वजह से साइकिल की सवारी छोड़ अब फूल का दामन थाम लिया. एक बात यह कि यह दोनों अपनी विधानसभाओं में बहुत अच्छी पकड़ रखते हैं. दोनों विधानसभा के साथ-साथ फिरोजाबाद जिले की 3 विधानसभा पर भी अच्छा खासा असर डालेंगे. यह समाजवादी पार्टी के 2022 के विधानसभा चुनाव में काफी दिक्कत खड़ी कर सकता है.
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