फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उस समय देखने को मिली जब 8 साल की मासूम बच्ची के शव को उसके परिवार वालों को मोटरसाइकिल पर ही अपने गांव कोटला ले जाना पड़ा. 8 साल की दिव्या का एक मार्च को एक्सीडेंट हो गया था. पिता हरिशंकर ने प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज कराया लेकिन उसकी मौत हो गई.


नहीं मिला शव वाहन
कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है तो परिवार वालों को लगा कि एक बार क्यों ना सरकारी ट्रामा सेंटर में भी बच्ची को दिखा दिया जाए. जब वो बच्ची को लेकर आए तो सरकारी ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों ने भी उसे देखने के बाद मृत घोषित कर दिया. परिवार वालों के मुताबिक करीब दो से ढाई घंटे तक वो उस शव वाहन का इंतजार करते रहे जिसमें वो अपनी बच्ची के शव को गांव ले जा सकते थे. लेकिन, शव वाहन नहीं मिला और बच्ची के शव को मोटरसाइकिल पर ही गांव ले जाना पड़ा.


जांच के बाद होगी कार्रवाई
पूरे मामले को लेकर जब मेडिकल कॉलेज के सीएमएस आलोक शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बच्ची मृत अवस्था में आई थी और परिवार वाले बिना बताए ही उसे ले गए हैं. अगर इसमें लापरवाही की गई है तो जांच की जा रही है और जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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