UP News: आगरा के थाना हरी पर्वत क्षेत्र के सेंट जॉन्स चौराहे के समीप का एक मामला सामने आया है. जहां फुटपाथ पर रहने वाली महिला का आठ माह का बच्चा गायब हो जाता है. वह फिरोजाबाद के कैला देवी मंदिर के पास मिलता है. जब बच्चे के पास कोई नहीं दिखा तो क्षेत्र लोगों ने पुलिस को सूचना दी. थाना उत्तर पुलिस ने आठ माह के बच्चे को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. इसके बाद वायरलेस पर खबर कर दी कि एक बच्चा आठ माह का है जो कि केला देवी मंदिर पर मिला है. आसपास के जिलों में भी पुलिस को सूचना दी गई. जब यह खबर आगरा थाना हरी पर्वत पुलिस को मिलती है तो थाना उत्तर पुलिस ने संपर्क किया. तब बच्चे का पता चलता है.


क्या बोले दुकानदार?
कैला देवी मंदिर स्थित प्रसाद के दुकान करने वाले दुकानदार संजय पोरवाल ने बताया कि जब वह सुबह छह बजे दुकान पर पहुंचे तो मंदिर के सामने भीड़ लगी हुई थी. जहां एक औरत हाथ में बच्चे को लिए हुई थी. पता लगा कि बच्चा कोई छोड़ गया है. तभी हमने 112 नंबर पुलिस को फोन किया और पुलिस आकर बच्चे को ले गई. बाद में पता लगा कि बच्चा आगरा का रहने वाला है. उसके परिवार का कोई सदृश्य ही उसे छोड़ गया है.


क्या है मामला?
थाना उत्तर और थाना हरि पर्वत पुलिस दोनों की बात के दौरान यह सामने आता है कि आठ माह का बच्चा थाना हरी पर्वत क्षेत्र के सेट जोन्स चौराहे के पास फुटपाथ पर रहने वाली महिला ज्योति का है. जिसका रिश्तेदार आकाश उसकी अच्छी परवरिश के लिए फिरोजाबाद में उसके फूफा के यहां छोड़ना चाहता है. लेकिन महिला इसका विरोध करती है तो उसका रिश्तेदार आकाश जबरदस्ती अपने फूफा के यहां बच्चे को लेकर आता है. आकाश का फूफा बच्चा रखने से मना करता है तो वह बच्चे की अच्छी परवरिश को लेकर उसे कैला देवी मंदिर के समीप छोड़ कर चला जाता है. इसके पीछे एक यह भी वजह रही है कि बच्चे का पिता दीपक अपनी पत्नी ज्योति के साथ नहीं रहता, इसलिए बच्चे की परवरिश ठीक नहीं हो पा रही थी. यह लोग कबाड़ बीनने का काम करते हैं.


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महिला सुरक्षाकर्मी ने निभाया मां का कर्तव्य
थाना उत्तर इंचार्ज संजीव दुबे ने आठ माह के बच्चे को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. वहां उसकी सुरक्षा हेतु महिला सिपाही मेघा सिंह और एक अन्य इस सिपाही को लगा दिया. वहीं सिपाही मेघा सिंह ने अपनी ड्यूटी को निभाते हुए एक मां की तरह उस बच्चे का भी पूरा ख्याल रखा. उसे चम्मच से दूध पिलाया और वह रो रहा था तो उसे गोद में उठाकर चुप करा कर उसे खिलाया भी, जिससे बच्चा चुप हो गया.


चाइल्डलाइन को सौंपा गया बच्चा
थाना उत्तर पुलिस ने आठ माह के बच्चे को अब चाइल्डलाइन की टीम को सौंप दिया है. अब चाइल्ड लाइन की टीम ही यह फैसला करेगी कि यह बच्चा आकाश के फूफा को दिया जाए या उसकी मां ज्योति को. दरअसल, बच्चे की मां फुटपाथ पर रहती है और कबाड़ बीनने का कार्य उसके यहां होता है. इसलिए अब देखना यह है कि बच्चे की परवरिश कहां अच्छी हो सकती है. फिलहाल अब पुलिस ने बच्चे को चाइल्ड लाइन की टीम को सौंप दिया है.


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