Firozabad News: फिरोजाबाद के 470 सरकारी स्कूलों में फर्नीचर कुछ ही महीनों में हुआ खराब, बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर
UP News: फिरोजाबाद के 470 स्कूलों का फर्नीचर कुछ ही महीनों के अंदर खराब हो गया. जिसके बाद बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. इसी के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ये आश्वासन दिया है.
Firozabad News: उत्तर प्रदेश सरकार लाखों रुपए शिक्षा विभाग पर इसलिए खर्च करती है ताकि स्कूल आने वाले नौनिहालों को अच्छी शिक्षा मिल सके. लेकिन शिक्षा मिलने से पहले स्कूल में बैठने की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है. अगर वह ही नहीं है तो इन सरकारी विद्यालय में आने वाले बच्चे कैसे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे.
दरअसल, फिरोजाबाद के उच्च प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय और कम कंपोजिट 470 विद्यालयों में नवंबर 2021 में सीतापुर की कंपनी श्री श्याम इंडस्ट्री द्वारा फर्नीचर भेजा गया था ताकि बच्चे उस पर बैठकर अच्छी शिक्षा ले सकेंगे. फर्नीचर तो स्कूल में भेज दिया गया और वहां उसे लगा भी दिया गया. लेकिन कुछ महीने बाद ही आए हुए फर्नीचर की स्थिति जर से जर्जर हो गई. जैसे ही 3 से 4 स्टूडेंट बेंच पर बैठते तो वह टूट जाती और ऐसा कई सरकारी विद्यालय में देखने को मिला है. अगर बैग रखने वाले डेस्क की बात करें तो वह भी टूट चुकी हैं.
क्या है पूरा मामला?
स्कूल के छात्र छात्राएं टूटे हुए लकड़ी के डेस्क को उठाकर उसे उसकी जगह रखते हैं तब उस पर अपना बैग रखकर पढ़ाई शुरू करते हैं. कुछ स्कूलों की हालत तो इतनी खराब है कि बच्चों को जमीन पर बैठकर ही पढ़ना पढ़ रहा है. बच्चों का कहना है की फर्नीचर आने के बाद ही कुछ दिनों में ही टूट गया. 9 महीने में ही इसकी हालत जर से जर्जर हो गई. वही स्कूल टीचरों का भी कहना है कि हम लोगों की मजबूरी है बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाना.क्योंकि यह फर्नीचर जब आया था उसके कुछ दिन बाद ही यह टूट गया अभी बदलकर नहीं आया इसलिए बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर है. सहायक अध्यापक मोहम्मद वकार ने बताया कि हम बच्चों को जमीन पर बैठाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि यहां जो फर्नीचर आया है उसकी हालात जर्जर हो चुकी है. हमने शिकायत भी की थी लेकिन अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है.
ठेकेदार को फर्नीचर बदलने के आदेश दिए
कंपोजिट विद्यालय के प्रिंसिपल मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि फर्नीचर नीचे से टूट चुका है. लेकिन जिस दिन यह आया था उसी दिन से जर्जर स्थिति में था. जिसकी सूचना हमने बेसिक शिक्षा विभाग को दी थी और रिटर्न में अभी हमने इसकी शिकायत की है. टूटे हुए फर्नीचर की मेंटेनेंस में ही 15 हजार रुपए लग गए. अभी भी फर्नीचर कई जगह से टूटा हुआ है. वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल का कहना है कि ठेकेदार को यह टेंडर जेम पोर्टल द्वारा मिला था. जिसके बाद फिरोजाबाद के स्कूल में फर्नीचर भिजवाया गया. फर्नीचर के टूटने की काफी ज्यादा शिकायत आई तो हमने ठेकेदार को फर्नीचर बदलने के आदेश दिए हैं लेकिन अभी तक नहीं बदला गया है. इसलिए हमने नोटिस भी जारी कर दिया है. अगर फिर भी नहीं होता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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