Firozabad: पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता, 24 साल से फरार चल रहे डकैत गिरधारी को किया गिरफ्तार, लूट और हत्या के 12 मुकदमे दर्ज
UP News: पुलिस ने 24 साल से फरार चल रहे डकैत गिरधारी को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है. आरोपी पर लूट और हत्या के 12 मुकदमे दर्ज है.
Firozabad News: कहा जाता है कि बदमाश कितना भी शातिर हो लेकिन वह कानून के हाथों से बच नहीं पाता, उसे एक न एक दिन पुलिस गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेज ही देती है. ऐसा ही हुआ है आगरा के रहने वाले 65 वर्षीय डकैत गिरधारी के साथ. जोकि किसी समय अपराध की दुनिया का जाना माना था और जब शरीर ने साथ देना छोड़ दिया तो वह पुलिस से बचने के लिये फिरोजाबाद में यमुना के बीहड़ में आकर छुप कर अपना जीवन बिताने लगा. लेकिन पुलिस उसकी बराबर तलाश कर रही थी और 24 साल के बाद डकैत गिरधारी को 65 साल की उम्र में फिरोजाबाद के यमुना के बीहड़ से गिरफ्तार किया गया.
लूट और हत्या के 12 मामले हैं दर्ज
डकैत गिरधारी ने 24 साल पहले क्राइम की दुनिया में अपना काफी दबदबा बना रखा था. इसने राजस्थान और मध्य प्रदेश में पांच हत्याएं और सात डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया था. जिनमें यह 24 सालों से वांछित चल रहा था और पुलिस इसकी बराबर तलाश कर रही थी. भरतपुर के एसपी श्याम सिंह के मुताबिक इसने भरतपुर के बैर में 1998 में रविंद्र सोनी के घर पर हमला कर लूट की वारदात की थी इसके बाद यह बीहड़ में चला गया,फिर इसने सन 2000 में बैर में ही एक घर पर और डकैती डाली थी. राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस पर लूट और हत्या के 12 मुकदमे दर्ज हुए हैं और चार चार हजार रुपये का इनाम भी इस पर घोषित किया था.
एक राज्य से दूसरे राज्य में छुप जाता था डकैत गिरधारी
राजस्थान और मध्य प्रदेश की पुलिस ने डकैत गिरधारी को लूट और हत्याओं के मुकदमों में कई बार गिरफ्तार करने की कोशिश की लेकिन शातिर किस्म का अपराधी गिरधारी पुलिस को चकमा देकर मध्य प्रदेश से यमुना के रास्ते होकर बीहड़ छुप कर कभी राजस्थान चला जाता था, तो कभी उत्तर प्रदेश की सीमा में घुस जाता था. भरतपुर की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम ने 22 दिन तक इसकी घेराबंदी की थी लेकिन यह फ़िरोज़ाबाद के यमुना के बीहड़ में जाकर छुप गया कि जब इसकी सूचना भरतपुर की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम को मिली तो वह फिरोजाबाद की यमुना नदी के बीहड़ में पहुंची ओर डकैत गिरधारी को गिरफ्तार किया. डकैत गिरधारी को 24 साल के बाद जब गिरफ्तार किया गया तो 65 साल की आयु में उसका शरीर भी अब पहले की तरह मजबूत नहीं था इसलिए डकैत गिरधारी को अब छड़ी का सहारा लेना पड़ता है और छड़ी पकड़ कर ही वह चलता है.
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