UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में 2022 का चुनाव शुरू होते ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है. इसी कड़ी में आज फिरोजाबाद में तीन बार के सपा विधायक हरिओम यादव ने भी साइकिल की सवारी छोड़ कमल का दामन थाम लिया है. रिश्ते में मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव भी दिल्ली स्थित बीजेपी केंद्रीय कार्यालय पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के समक्ष अब भगवा रंग में रंग गए हैं. आज उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. जब हरिओम यादव दिल्ली से वापस फिरोजाबाद आए तो उन्होंने मीडिया से बात की.
सपा को चापलूसों ने घेर लिया है
हरिओम यादव ने कहा कि, समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए हमने तन, मन, धन, अपना सब कुछ लगाया. जेल भी काटी और मजबूत करने में सबसे ज्यादा योगदान शिवपाल सिंह का भी रहा लेकिन अब समाजवादी पार्टी नेता जी वाली पार्टी नहीं रही है. अब समाजवादी पार्टी को चापलूस और ऐसे लोगों ने घेर लिया है जो समाजवादी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं. अखिलेश को कमजोर करना चाहते हैं. जैसे रामगोपाल यादव और उनके लड़के उनको हम समाजवादी पार्टी में रास नहीं आते. उनको यह लगता है समाजवादी पार्टी में अगर हरिओम यादव रहेंगे तो हमारा हमारे लड़के का अस्तित्व फिरोजाबाद में नहीं बचेगा
रामगोपाल के लड़के ने कहा कि सल्फास खा लूंगा लेकिन सपा में नहीं आने दूंगा-हरिओम
आगे उन्होंने कहा कि इसलिए उनके लड़के ने यह कसम खा ली है कि मैं सल्फास खा लूंगा लेकिन हरिओम यादव को समाजवादी पार्टी में नहीं आने दूंगा. तो हमने यह सोचा कि हम अपना दूसरा रास्ता चुन लें क्योंकि हम स्वाभिमानी आदमी हैं. हमारे लिए स्वाभिमान से बढ़कर कोई चीज नहीं है. अभिमानी नहीं होना चाहिए. प्रोफेसर रामगोपाल यादव स्वाभिमानी ना होकर अभिमानी हैं. उनमें अभिमान कूट-कूट कर भरा है और वे लोगों का अपमान करने में बड़ा संतोष महसूस करते हैं.
पार्टी में अब नेताजी की नहीं चलती
हरिओम यादव ने कहा कि, हमने नेताजी को 7 नवंबर को बताया था. हमारी बेटी की शादी थी हम कार्ड देने गए थे. नेता जी को सारी स्थिति मालूम है. नेताजी की अब चलती नहीं है. अखिलेश यह चीज समझ नहीं पा रहे हैं क्योंकि नेताजी के जो लोग थे नेताजी के साथ जिन्होंने काम किया था उन सबको किनारे करने की कोशिश की जा रही है . शिवपाल सिंह ने इस पार्टी को मजबूत करने में अपना योगदान दिया और ये पूरा प्रदेश जानता है लेकिन उनको साल 3 साल अपमानित किया गया. उन्हें पार्टी से बाहर खा गया. मैं समझता हूं कि शिवपाल सिंह ने जो टिकट मांगी थी ज्यादा टिकट नहीं मांगे 56 टिकट ही मांगी थी. वह भी शायद मुझे लगता है कि उनको पूरी नहीं दी जाएंगी.
सभी 5 सीटें बीजेपी जीतेगी
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कभी यह कोशिश नहीं की कि हम लोगों से फोन पर बात करते, टाइम देते. हम लोगों से पूछा जाता है कि क्या कारण है. हमारी गलती होती तो उसको कहते कि हमने गलती की है लेकिन कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोशिश नहीं की कि बुलाकर या फोनकर के बात की जाए. देखिए फिरोजाबाद की तो 5 सीटें भारतीय जनता पार्टी की झोली में जाएंगे. हम अपने लोगों से कहेंगे कि समाजवादी पार्टी को हराने का काम करें और भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करें यह हम अब जरूर कहेंगे. अगर यह सम्मान हमें हमारी पार्टी में मिलता तो हम क्यों बीजेपी में जाते. बीजेपी में पढ़े लिखे और समझदार लोग हैं.
बता दें कि हरिओम यादव मुलायम सिंह यादव के रिश्ते में समधी लगते हैं और शिवपाल यादव के बहुत करीबी माने जाते हैं और तेज प्रताप यादव के नाना हैं फिर भी सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया.