UP News: फिरोजाबाद (Firozabad) टुंडला जीआरपी पुलिस (GRP Police) ने देर रात चेकिंग के दौरान टुंडला स्टेशन (Tundla Station) के सात नंबर प्लेटफार्म से अवैध रूप से कारतूसों की तस्करी का मामला सामने आया. इसमें दो सगे भाई शादाब ओर फैजान को पुलिस ने गिरफ्तार किया. एक भाई शादाब पैर से दिव्यांग हैं. इनसे 700 कारतूस बरमाद किये गये हैं. जिसमें 500 कारतूस 315 बोर और 200 कारतूस 32 बोर के मिले है. यह फिरोजाबाद से बिहार बेचने जा रहे थे. दोनों भाई फिरोजाबाद थाना लाइन क्षेत्र के दतोजी कला के रहने वाले हैं. इनका एक साथी अरशद शिकोहाबाद में रहता है.


कैसे करता था अवैध धंधा?
शादाब और उसका भाई फैजान पकड़े गए दोनों शातिर किस्म के अपराधियों में से हैं. शादाब जो कि पैरों से दिव्यांग है, वो बहुत शातिर अपराधी है. वो अमरोहा से कारतूसों की खरीदारी करता था. खरीदे गए को बिहार और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में बेचा करता था. कारतूस की पेमेंट ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के द्वारा की जाती थी.


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कैसे चला पता?
शादाब पैरों से दिव्यांग है इसलिए उसका फायदा वह उठाता था. उसे कभी पुलिस सक की नजर से नहीं देख पाई. लेकिन गुरुवार को देर रात टुंडला स्टेशन पर दोनों भाई ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. दोनों भाई तो पुलिस को शक हुआ. इतनी देर रात यहां क्या कर रहे हैं और बैग में क्या है. तब उसका बैग चेक किया गया तो उसमें कारतूस निकले. जो कि दोनों भाई इन्हें अलग-अलग जिलों ओर अन्य प्रदेश में बेचा करते हैं. जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे फिरोजाबाद के दतोजी कला के रहने वाले हैं. अमरोहा से कारतूस खरीद कर लाते हैं. मैं बिहार पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश में कई जगह बेचा करते हैं. उनके अन्य साथी भी हैं जो यह कार्य कर रहे है.


क्या बोले पुलिस अधीक्षक?
जीआरपी पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुस्ताक ने बताया कि टूंडला रेलवे स्टेशन के सात नंबर प्लेटफार्म से रईस नाम के सिपाही हैं. उसको इन पर शक हुआ तो उसने अन्य पुलिसकर्मी बुलाये, जब इनकी तलासी की गयी तो इनके बेग से यह 700 कारतूस बरामद हुए. जो कि यह अमरोहा से खरीद कर लाते थे. इनके तार कई अन्य जिलों और प्रदेशों में भी जुड़े हुए हैं. जिसकी पुलिस जानकारी कर रही है. इनसे कुछ कांटेक्ट नंबर भी मिले और जिन पर यह बात करते हैं. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करके यह कारतूस की पेमेंट करते हैं. अपने साथियों से टेलीग्राम पर बात करते है. पुलिस इसको लेकर अन्य जिलों और प्रदेशों के अधिकारियों से बात कर रही है. पता लगाया जा रहा है कि कहां-कहां इनके तार जुड़े हुए हो और कहां-कहां यह कारतूस की सप्लाई देते हैं. इतनी बड़ी कारतूस डिलीवरी किस लिए की जा रही थी, क्या है इसके पीछे साजिस है.


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