Pitru Paksha 2023: काशी में पितृपक्ष के पहले दिन पिशाच मोचन पर उमड़ी भीड़, 15 दिनों तक चलेगा पितरों का श्राद्ध-तर्पण
Varanasi Pishach Mochan: पूर्वजों का पिंडदान और श्राद्ध करने वाराणसी के पिशाच मोचन पर भारी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं. दूर-दराज से आए हुए लोगों के लिए खास व्यवस्था की गई है.
Pitru Paksha 2023: धर्मनगरी काशी के पिशाच मोचन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. पितृपक्ष के पहले दिन यूपी समेत बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड से श्रद्धालु पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे. पिशाच मोचन मंदिर और कुंड पर विधि विधान से पिंड, पूजन करते श्रद्धालु देखे जा रहे हैं.
पुरोहित मुन्नालाल पंडा ने बताया कि आने वाले 15 दिनों तक पिशाच मोचन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहेगी. उन्होंने कहा कि आज से पितृपक्ष शुरू हो गया है. सुबह से सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले लोग पिशाच मोचन मंदिर और कुंड पर पितरों का श्राद्ध करने पहुंच रहे हैं.
15 दिनों के दौरान उमड़ेगी लाखों लोगों की भीड़
वाराणसी के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. आने वाले 15 दिनों तक धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहेगी. श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं का बंदोबस्त किया गया है. सुविधाओं में पीने का पानी, साफ-सफाई, शौचालय और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं. श्रद्धालु राजेश कुमार ने कहा कि आज निर्धारित तिथि पर पिता के मोक्ष की कामना करने परिवार पिशाच मोचन पर जुटा है. पिशाच मोचन मंदिर और कुंड की धार्मिक मान्यताएं हैं.
पिशाच मोचन पर होता है पितरों का श्राद्ध-तर्पण
परिवार विधि विधान से पूजन अर्चन कर पितरों के मोक्ष की कामना करेगा. माना जाता है कि पितृपक्ष पर किए गए श्राद्ध से पितरों का ऋण उतरता है और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. परिवार की तरफ से दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. पितृपक्ष में सभी तिथियों का अलग-अलग महत्व होता है.
पूर्वजों को तृप्त करने की प्रक्रिया तर्पण या पिंडदान भी कहलाती है. श्राद्ध-तर्पण पूर्वजों के प्रति सच्चा सम्मान होता है. काशी में पिशाच मोचन मंदिर और कुंड को श्राद्ध-तर्पण के लिए जाना जाता है. 30 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलने वाले पितृपक्ष विशेष तैयारी की गई है.
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