नई दिल्ली, एबीपी गंगा। पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता रहे अटल बिहारी बाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है। इस मौके पर देश के तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजधानी नई दिल्ली में उनकी समाधि ‘सदैव अटल’पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। साथ ही इस भाजपा के कई बड़े नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सक्रिय राजनीति से दूर हो चुके अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त, 2018 को निधन हो गया था।
अटल बिहारी बाजपेयी की सुपुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य, पोती निहारिका समेत परिवार के भी कई सदस्य इस मौके पर पहुंचे। बाजपेयी के निधन के बाद उनकी अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया गया था। जनसंघ से लेकर भाजपा के बनने तक उनकी भूमिक पार्टी में हमेशा अहम रही।
जब 13 दिन तक चली सरकार...
भाजपा में निर्विवाद नेता समझे जाने वाले बाजपेयी सबसे पहले 1996 में प्रधानमंत्री बने। हालांकि उनकी सरकार महज 13 दिन तक चली। इसके बाद वह 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी वह सरकार 13 महीनों तक ही चली। आखिरकार साल 1999 में एनडीए की फिर वापसी हुई और इस बार अटल सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। बाजपेयी 1957 में पहली बार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से लोकसभा के लिए चुने गए।
संसद में उनके पहले भाषण से उनके साथियों और सहयोगियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक विदेशी अतिथि से बाजपेयी का परिचय कुछ इस प्रकार कराया था, कि 'एक दिन यह युवक देश का प्रधानमंत्री बनेगा'। वह 47 साल तक सांसद रहे। वह दस बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे।
अटल को मिला 'भारत रत्न'
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’से सम्मानित किया गया था।