देहरादून, एबीपी गंगा। तीन तलाक कानून बनने के बाद उत्तराखंड में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। जहां सहसपुर थाना क्षेत्र के गांव केदारवाला निवासी शमा ने पति पर तीन तलाक देने का आरोप लगाया है। पत्नी का कहना है कि निकाह के 15 साल बाद पति ने तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ दिया है। पीड़ित पत्नी ने इसे लेकर अपने शौहर और ग्राम प्रधान को आरोपित करते हुए केस दर्ज कराया है।


15 साल पहले हुआ था निकाह, दो बच्चे भी हैं


जानकारी के मुताबिक, पीड़ित महिला केदारावाला गांव की रहने वाली है और शादी के 15 साल बाद उसके पति असलम ने उसे तीन तलाक कहकर छोड़ दिया था। इस महिला के दो बच्चे है।


पत्नी का आरोप, पति मारपीट और जान से मारने की देता था धमकी


पीड़िता का आरोप है कि निकाह के बाद से ही उसका पति उसके साथ मारपीट करता था और उसे जान से मारने की धमकी भी देता था। कई बार उसे मारपीट कर घर से बाहर भी निकाला। उसका आरोप है कि बुधवार देर रात करीब 11 बजे पति ने उसे जान से मारने की कोशिश की। जब उसने इसका विरोध किया है, तो पति ने उसे बुरी तरह से पीटा। इस दौरान पीड़िता को कई जगहों पर चोटें भी आईं हैं।


पत्नी बोलीं, ग्राम प्रधान ने नहीं की कोई मदद


पीड़िता का कहना है कि जब इस बारे में उसने ग्राम प्रधान से शिकायत की, तो वह (पति) भी उसके पीछे पीछे ग्राम प्रधान के घर पहुंच गया और वहां उसने फिर से मारपीट की। जिसके बाद उसने तीन बार तलाक कह कर रिश्ता तोड़ दिया। महिला का आरोप है कि इस दौरान ग्राम प्रधान ने भी उसकी कोई मदद नहीं की। जिसके बाद महिला ने पुलिस थाने जाने का फैसला किया और दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।


मामले में एसएसपी का बयान


इस मामले पर एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया, 'पीड़ित महीला की तहरीर पर आरोपित पति असलम और ग्राम प्रधान इमरान के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। कानून के तहत दोनों आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'


नहीं मानते तीन तलाक कानून


पीड़िता का ये भी आरोप है कि जब ग्राम प्रधान ने उसके पति के सामने ही कहा कि वे बीजेपी सरकार के बनाए नियम कानून को नहीं मानते। महिला ने बताया कि दोनों ने कहा कि हम कांग्रेस के कार्यकर्ता है। तुम्हें जहां जाना है, जाओ। कोई नहीं सुनने वाला है।'