1. सुषमा स्वराज किसी राष्ट्रीय राजनीति दल की पहली महिला प्रवक्ता थीं।

  2. सुषमा ने हरियाणा से राजनीतिक करियर की शुरुआत की और 1977 में पहली बार हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता। 25 साल की उम्र में चौधरी देवी लाल सरकार में में वे राज्य की श्रम मंत्री बनीं। वे हरियाण सरकार की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री थीं।

  3. सुषमा स्वराज देश की राजधानी दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। वे दिल्ली की पांचवीं मुख्यमंत्री थीं।

  4. 1996 में दक्षिण दिल्ली से पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं और अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनीं।

  5. सुषमा स्वराज बीजेपी की पहली महिला कैबिनेट मंत्री रही हैं।

  6. सुषमा स्वराज देश की अकेली ऐसी महिला राजनेता थीं, जिन्हें जिन्हें असाधारण सांसद (आउटस्टैंडिंग पार्लियामैंटेरियन) का सम्मान मिला।

  7. सुषमा स्वराज के नाम पहली महिला नेता प्रतिपक्ष का रिकॉर्ड भी दर्ज है। उन्हें 15वीं लोकसभा में अपने राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी की नेता प्रतिपक्ष बनाया गया और वे 2014 तक इस पद पर रहीं।

  8. 2014 में वो दोबारा विदिशा से जीतीं सुषमा स्वराज और मोदी सरकार में पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री बनीं।

  9. वो सुषमा स्वराज ही थीं, जिन्होंने फिल्म जगत को उद्योग का दर्जा दिया और उनकी वजह से इस उद्योग को भी बैंक से कर्ज मिलने का रास्ता साफ हुआ।

  10. सुषमा के नाम बीजेपी की पहली महिला राष्ट्रीय मंत्री बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज।

  11. सुषमा चार वर्ष तक हरियाणा में हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष रहीं।

  12. सुषमा स्वराज के पति व वकील कौशल सबसे कम उम्र में राज्यपाल बनने वाले शख्स हैं। खास बात ये है कि सुषमा व उनके पति की उपलब्धियों का रिकॉर्ड देखते हुए 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड' ने इन्हें विशेष दंपति का दर्जा दिया।