श्रावण का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को करें प्रसन्न, पाएं मनचाहा फल
हिंदू धर्म की मान्याताओं के अनुसार श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान शिव की पूजा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
![श्रावण का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को करें प्रसन्न, पाएं मनचाहा फल First Monday of Shravan Month श्रावण का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को करें प्रसन्न, पाएं मनचाहा फल](https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/9/2019/07/21225809/Shravan--270x202.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
एबीपी गंगा। आज श्रावण का पहला सोमवार है। श्रावण के महीने में भगवान शिव की अराधना का खास महत्व है। हिंदू धर्म की मान्याताओं के अनुसार श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान शिव की पूजा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से संतान सुख, धन, निरोगी काया और मनोवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन के दोष और अकाल मृत्यु जैसे संकट दूर हो जाते हैं।
इस तरह लोग अलग-अलग तरह की कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। एक मान्यता ये भी है कि रुद्राभिषेक से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। दरअसल, भगवान शिव का एक नाम रुद्र है और उनके इस रूप को मन में ध्यान रखकर अभिषेक करना ही रुद्राभिषेक कहलाता है। श्रावण माह में शिव की पूजा का महत्व बढ़ जाता है।
जहां सावन के पहले सोमवार पर देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लगी नजर आईं।
वहीं, उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पहले दिन भक्तों का तांता लगा हुआ है। जहां भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से तड़के सुबह तीन बजे अभिषेक किया गया, जिसके बाद विधि-विधान से महाकाल की भस्म आरती की गई। इस डेढ़ घंटे पहले ही महाकाल की आरती की गई। आरती में शामिल होने और महाकाल का जलाभिषेक करने के लिए रात से ही भक्तों की लाइनें लगना शुरू हो गई थीं। वहीं, काशी में भी चारों दिशाओं में भोले के जयकारे सुनवाई दे रहे हैं। जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे हैं। देर रात ही कांवड़ियें गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाइनों में लग गए। अनुमान के मुताबिक, सावन के पहले सोमवार लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। मान्यता है कि शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है, इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा अपार मिलती है। यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास करते है और यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं। हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है और शिव भक्त भोले का जलाभिषेक कर रहे हैं । शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं। कहा जाता है कि शिव को सावन में वह भी सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों से जल्द ही प्रसन्न हो जाते है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद जब चन्द्रमा राहू से बचकर भाग रहे थे, तो उन्हें शिव ने ही अभयदान दिया था। तभी शिव ने चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया था। ये कहते हैं कि जो भी सोमवार के दिन शिव का जलाभिषेक करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। इसके अलावा कहा जाता है कि सावन के महीने में ही गंगा देवलोक से पृथ्वी पर आने के लिए सावन के महीने में ही शिव की जटाओं में आई थीं। इस लिए सावन में ही शिव के जलाभिषेक का काफी महत्व बताया जाता है।#WATCH: Prayers offered at Mahakaleshwar Temple in Ujjain, on the first Monday of 'sawan' month. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/GtMQYJlhAV
— ANI (@ANI) July 22, 2019
![श्रावण का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को करें प्रसन्न, पाएं मनचाहा फल](https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/9/2019/07/22021219/shiv_pujan.jpg)
सावन के महीने का शिव भक्तों को भी इंतजार रहता है। लोग सुबह सुबह ही निकल पड़ते हैं, शिव मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करने के लिए। माना जाता है कि शिव भोले है और जो कोई भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, वह उसकी मन चाही मुरादें पूरी करते है। कनखल में शिव की ससुराल है और शिव की ससुराल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। हरिद्वार के सभी शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं। कांवड़िएं भी आज बड़ी संख्या में शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)