आगरा, नितिन उपाध्याय। सिरौली गांव स्थित राजकीय सम्प्रेक्षण गृह से बीती रात पांच किशोर खिड़की तोड़कर फरार हो गए। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सुबह से ही अधीक्षक पुलिस फोर्स के साथ ही कैदियों को ढूंढने में लगे हैं। दरअसल, बीती रात मोनू, ऋषभ, सुमित, साहिल और लवकुश नाम के 5 बाल कैदियों ने पहले तो खिड़की तोड़कर फेंक दी और फिर मुख्य गेट को फांदकर फरार हो गए। इससे पहले दीपावली के आस-पास भी तीन बाल कैदी फरार हो गए थे।


एबीपी गंगा की पड़ताल
मामला सामने आने के बाद एबीपी गंगा की टीम राजकीय सम्प्रेक्षण गृह पहुंची। पड़ताल में पता चला कि सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर केवल खानापूर्ति है। गेट पर काफी गैप है, जिससे आसानी से कैदी निकलकर फरार हो जाते हैं। इसके साथ ही कैदियों के कमरों में लगे खिड़की और चौखट काफी कमजोर हैं जिन्हें आसानी से तोड़कर निकाला जा सकता है। यहीं नहीं, गेट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए बनाया गया रूम अभी तक नहीं बन पाया है। साथ ही गेट पर आने जाने वाले लोगों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता है।


ऐसे में 115 बाल कैदियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठ रहा है। वहीं, एबीपी गंगा ने मामले में उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य साक्षी बैजल से भी बात की। बैजल भी प्रशासनिक रवैये से नाखुश नजर आए। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बार जिला प्रशासन को बताया गया है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।