इटावा जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी से हुई 5 कोरोना मरीजों की मौत, 3 की हालत गंभीर
यूपी के इटावा जिले में कल से अब तक 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. ये मौतें दवा, ऑक्सीजन के अभाव में नहीं बल्कि कोविड वॉर्ड में बंद पड़े धूल फांक रहे वेंटिलेटर की वजह से हुई हैं. 3 मरीजों की हालत बेहद गंभीर है.
इटावा: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण जान पर आफत बनकर टूट रहा है. इटावा में कोरोना संक्रमण से मरीजों की लगातार मौतें हो रही हैं. इस बीच जिला प्रसाशन की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली है. जिला अस्पताल के कोविड वॉर्ड में वेंटिलेटर ऑपरेटर, स्टाफ नर्स, स्वीपर की कमी के चलते कल से अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है.
नहीं हो रहा है कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
हालात ये हौं कि, महिला सीएमएच विंग का निरीक्षण करने गए सीएमएस ने स्वीपर को वेंटीलेटर ऑक्सीजन ऑपरेट करने के निर्देश दिए. कोविड वॉर्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर ने सीएमएस से स्टाफ पूरा करने की गुहार लगाई. इतना ही नहीं अस्पताल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है. मौत के बाद खुद परिजनों संक्रमित लाशों को बिना पीपीई किट के ले जाते हुए दिखाई दिए.
सामने आई बड़ी लापरवाही
कोरोना से मरने वालों की संख्या और मरीजों में इजाफा हो रहा है. सूबे की योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सभी जिले में अलर्ट जारी करते हुए ऑक्सीजन दवाईयों की कमी ना होने के लिए चेतावनी दी है. लेकिन, इटावा में कल से अब तक 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. ये मौतें दवा, ऑक्सीजन के अभाव में नहीं बल्कि कोविड वॉर्ड में बंद पड़े धूल फांक रहे वेंटिलेटर की वजह से हुई हैं. कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर अब्दुल कादिर ने निरीक्षण करने पहुंचे सीएमएस डॉ अशोक कुमार जाटव से गुहार लगाते हुए कहा कि स्टाफ की कमी है, वेंटिलेटर नहीं चल रहे हैं प्लीज स्टाफ दिलवा दीजिए, जिस पर सीएमएस ने कहा स्वीपर की मदद ले लो.
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
ड्यूटी कर रहे डॉक्टर ने वेंटिलेटर ऑप्टरेटर, स्टाफ नर्स, स्वीपर ना होने की बात कहते हुए मीडिया को बताया कि वेंटिलेटर ना मिलने की वजह से 5 मरीजों की मौत हो चुकी है और 3 मरीजों की हालत बेहद गंभीर है. अगर स्टाफ ना मिला तो मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है. वहीं, सीएमएस का कहना है कि मरीज देर से हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं जिस कारण ये मौतें हुई हैं. स्टाफ की कमी है, इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करके स्टाफ की पूर्ति की जाएगी.
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