UP Crime News: एटा जनपद में पांच अपराधियों के गैंग ने बीमा राशि के लिए अपने दोस्त की हत्या कर दी. आरोपियों ने पहले अपने दोस्त का 30 लाख का बीमा करवाया. फिर बीमे की राशि हड़पने के लिए उसकी हत्या करके उसे एक्सीडेंट का रूप देकर सड़क के किनारे फेंक दिया. इस प्रकार सोची समझी साजिश के तहत आरोपियों ने अपने दोस्त की ही हत्या कर दी.
इसके बाद आरोपी 30 लाख रुपये हड़पने का ख्वाब देख ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें धर दबोचा और इस मामले का पर्दाफाश किया. गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों वीरेंद्र और रघुराज ने कबूल किया कि उन्होंने फेसबुक पर बीमा फ्रॉड की एक स्टोरी पढ़कर सोच समझकर योजनाबद्ध तरीके से 30 लाख रुपये हड़पने के लिये इस घटना को पांच दिन पूर्व अंजाम दिया था. इस मामले में अभी तीन आरोपी फरार हैं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल एटा जनपद के निधौली कला थाना छेत्र के ग्राम नगला शीर निवासी सोबरन सिंह ने 25 सितंबर को पुलिस को ये सूचना दी थी कि 24 सितंबर की शाम को उनका बड़ा बेटे चरन सिंह (35) घर से बिना बताये कहीं चला गया था. जिसका शव निधौली कला थाना क्षेत्र में गहराना के पास मिला है. उसके शरीर पर काफी चोटें हैं.
मृतक के पिता ने बताया कि उनके बेटे कि शादी बुलंदशहर की निवासी कुसमा देवी से हुई थी. उसका उसकी पत्नी से विवाद चलता था और पत्नी 15 दिन पूर्व झगड़ा करके अपने मायके चली गयी. पिता ने आरोप लगाया कि उसको शक है कि उसके बेटे को उसकी पुत्रवधू, पुत्रवधू के भाई क्रांति, पिता अमर सिंह, मौसा शेरा व पुत्रवधू के प्रेमी ने हत्या कर दी है. इस सम्बन्ध में पुलिस ने निधौली कला थाना में उक्त नामजद लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिख दिया.
साजिश के तहत करवाया बीमा
पुलिस को जांच में पता चला कि मृतक के दोस्त वीरेंद्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर मृतक चरन सिंह का 30 लाख का एक्सीडेंटल बीमा कराया था और दोस्त को मारकर उसके बीमे की 30 लाख रुपये की धनराशि को हड़पने का प्लान बनाया था. इसी प्लान के तहत वीरेंद्र ने अपने साथी रघुराज के साथ मिलकर चरन सिंह की मैक्स पिकअप वेन से कुचलकर 25 सितंबर को हत्या कर दी और मामले को एक्सीडेंट का रूप देने के लिए शव को गहराना गांव के पास सड़क के किनारे फेंक दिया.
योजना के तहत वीरेंद्र ने मृतक के भाई को बीमा पॉलिसी मे नोमिनी बनाया था और चरन सिंह से उसका आधार कार्ड और पेन कार्ड धोखे से ये कहकर ले लिया था कि वे उसकी प्रधानमंत्री रोजगार योजना में नौकरी लगवाएंगे. यही नहीं मृतक ले कम बुद्धि के छोटे भाई के नाम से बैंक में एक खाता भी खुलवा दिया था और बीमे की पहली किश्त भी अपने पास से ही जमा कर दी थी. आरोपियों ने उसको बताया था कि सरकार की योजना के कुछ रुपये तुम्हारे खाते में आते रहेंगे हम जैसे बतायें वो करते जाना.
बैंक में दिया था अपना नंबर
आरोपियों ने मृतक के भाई का जो खाता खुलवाया था उसमें अपना फोन नंबर दिया था. जिससे बैंक से रुपये आदि निकालने के लिये जो भी ओटीपी आये वो उनको मिलते रहें. उनकी योजना बीमा कम्पनी से मृतक के बीमे की धनराशि हड़पने की थी, लेकिन ये शातिर अपनी योजना में सफल होते उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा और उन्होंने सारा प्लान और राज पुलिस को बता दिया.
एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि निधौली क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. मृतक का पत्नी से विवाद चलता था तो 15 दिन पहले पत्नी चली गई थी. घरवालों को अंदेशा था कि निश्चित तौर पर पत्नी और पत्नी के परिवारजनों का इसमें हाथ होगा. उन्होंने एफआईआर कराई थी, लेकिन जब घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और छानबीन शुरु हुई तो ऐसा लगा कि कहीं न कहीं कोई और कहानी है.
फेसबुक से लिया था आइडिया
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने फेसबुक पर एक स्टोरी पढ़कर ये साजिश रची थी. इन्होंने जनवरी में मृतक के भाई से दोस्ती करके इसके भाई का बैंक खाता खुलवाया था और मृतक का एलआईसी का 30 लाख का बीमा करवा दिया था. इसमें नोमिनी चरन सिंह के भाई को कर दिया था ताकि भाई के खाते में पैसा आए. चरन सिंह को उस दिन ये शराब पिलाते रहे और घुमाते रहे. जब देख लिया कि सड़क पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है तो उसकी हत्या कर दी. पुलिस टीम द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया गया है. टीम को हम अपनी तरफ से 20 हजार रुपये का नकद ईनाम भी देंगे.
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