Lucknow: डिलीवरी और रिफंड के नाम पर लगाया 80 लाख चूना, पुलिस ने दर्ज किया FIR
Lucknow Fraud Case: तीन कर्मचारियों ने कथित तौर पर कंपनी को लाखों रुपये की चपत लगाई है. इस मामले में कंपनी के तरफ से साइबर क्राइम पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है.
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लखनऊ में एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज में काम करने वाले तीन कर्मचारियों ने लाखों रुपये का गबन किया. तीनों आरोपियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बैठकर 'वर्क फ्रॉम होम' के दौरान ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
दरअसल, एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज के तीन कर्मचारियों ने परिचितों की मिली भगत से कंपनी को 79.83 लाख रुपये का चूना लगाया. तीनों कर्मचारियों ने राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में बैठकर 'वर्क फ्राम होम' के दौरान यह ठगी की.
रिश्तेदारों से कराते थे ठगी
तीनों आरोपी फ्लिपकार्ट ग्राहक सेवा के लिए काम कर रहे थे. तीनों अपने परिचितों से आर्डर लगाकर माल की बुकिंग कराते थे और इसके बाद रिफंड ऑप्शन से माल और रुपये भी हड़प लेते थे. हजरतगंज के मीराबाई मार्ग स्थित एजिस ग्राहक सुविधा कंपनी के अधिकारी विकास अहलावत को इस बात की भनक लग गई, तो उन्होंने तीनों की आंतरिक जांच कराई.
लाखों रुपये की धोखाधड़ी का पता चलने पर तीनों के खिलाफ साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक, इस मामले कि जांच की जा रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के अजमेर जिले के रहने वाले राहुल जोनवाल, आंद्र प्रदेश कुरनूल के शेख अब्दुल खादर जिलानी, पश्चिम बंगाल के परगना के तस्सारून नाजरीन फ्लिपकार्ट ग्राहक सेवा में काम कर रहे थे. कंपनी में तीनों वर्क फ्रॉम होम काम करते थे.
डिलीवरी में करते थे हेरफेर
इन तीनों को फ्लिपकार्ट में ग्राहकों के ऑर्डर का समय और डिलीवरी की ऑनलाइन चेकिंग का काम दिया गया था. ये तीनों साफ्टवेयर की मदद से ऑर्डर ट्रैकिंग और डिलीवरी की जानकारी के साथ कस्टमर की मदद की जिम्मेदारी संभालते थे, जिसमें अगर कोई ऑर्डर डिलीवरी के लिए निकला है तो कर्मी ऑर्डर को रिटर्न टू ओरिजिन के रूप में भी चिन्हित करने का ऑप्शन रहता है.
इसी नियम के तहत ये तीनों अपने परिचितों से आर्डर कराते थे. इसके बाद माल डिलीवरी के दौरान ही साफ्टवेयर में हेराफेरी कर ग्राहक से आर्डर कैंसिल कराकर आरटीओ कराते थे. प्रोडक्ट की डिलीवरी वापसी फिल करते थे. इसके बाद प्रोडक्ट और रुपये दोनों हड़प लेते थे. तीनों कर्मचारियों ने तीन माह में कंपनी को 79.83 लाख रुपये की चपत लगाई.
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