(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Basti Flood: बस्ती में बाढ़ से हाहाकार, 70 गांव की एक लाख आबादी प्रभावित, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा प्रशासन
Basti Flood: बाढ़ के रौद्र रूप से बस्तरी में 70 गांव की एक लाख आबादी प्रभावित हुई है. घाघरा नदी में अचानक आई बाढ़ से कई गांव जलमग्न हो गए. हजारों लोग घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं.
Basti Flood: नेपाल से छोड़े गए पानी का सैलाब पूर्वांचल के जिलों में जमकर तबाही मचा रहा है. बस्ती जनपद में भी सरयू नदी के तट पर बाढ़ का पानी घुस गया है. निचले इलाकों में बाढ़ के पानी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बाढ़ के रौद्र रूप से 70 गांव की एक लाख आबादी प्रभावित हुई है. घाघरा नदी में अचानक आई बाढ़ से कई गांव जलमग्न हो गए. हजारों लोग घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं. जिला प्रशासन लगातार बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाल रहा है.
बाढ़ ने अचानक दी तबाही की दस्तक
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव अशोकपुर, लोहर बर्दिया, माझा कला, माझा किता अव्वल, कल्याणपुर, बाघानाला हैं. अशोकपुर गांव में लगभग 5 हजार लोग फंसे हुए हैं. 4 हजार लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है. अन्य को बाहर निकालने का अभियान चल रहा है. अचानक बाढ़ आने की वजह से किसी को निकलने का मौका नहीं मिला. लोगों को घरों की छतों पर शरण लेने को मजबूर होना पड़ा. बाढ़ग्रस्त इलाकों में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. बाढ़ की वजह से नल डूब गए हैं. लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है.
प्रभावितों ने प्रशासन पर मढ़ा आरोप
माझा इलाकों में लोगों की आजीविका का सबसे बड़ा साधन सब्जी की खेती और दुधारू पशु हैं. बाढ़ की चपेट में आकर फसलें तबाह हो गई. बड़ी तादाद में गाय, भैंस भी फंसे हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि गांव में फंसे लोगों को खाने पीने का सही इंतजाम नहीं कराया जा रहा है. घरों में पानी भर जाने से रहने का आशियाना छिन गया है. घर का राशन बाढ़ में बह गया. दवाइयों का भी ठीक से इंतेजाम नहीं है.
हर्रैया तहसील के एसडीएम गुलाब चन्द्रा ने कहा कि जलस्तर बढ़ने के बाद जिला प्रशासन की टीम लगातार कैंप कर रही है. बोट और नाव के सहारे बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. एसडीआरएफ की टीम और 50 मोटर बोट, 250 नाव बाढ़ क्षेत्र के 50 किलोमीटर क्षेत्र में लगाई गई है. बाढ़ पीड़ितों को आसपास के प्राइमरी स्कूलों में रखा जा रहा है. उनके खाने पीने और दवा का पूरा इंतजाम किया गया है. एसडीएम ने दावा किया कि पीने के पानी की दिक्कत को दूर करने की भी कोशिश की गई है.
शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए बाहर टैंकर लगाया गया है. खाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से 24 घंटे रसोई का इंतेजाम किया गया है. जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय विधायक रेस्क्यू में जुटे हुए हैं. हरैया विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक अजय सिंह नाव पर बैठकर बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं. बाढ़ की विभीषिका के बावजूद गनीमत है कि एक भी जनहानि नहीं हुई है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ के कहर से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी में टापू बन गए हैं.