Ghazipur Flood: गंगा जो जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी कही जाती हैं, लेकिन यह गंगा कभी-कभी अपना रौद्र रूप धारण कर लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर देती हैं. कुछ ऐसा ही नजारा मोहम्मदबाद तहसील (Mohammadabad Tehsil) के शेरपुर गांव (Sherpur Village) में देखने को मिल रहा है. यहां पर गंगा में आई बाढ़ (Flood) ने सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि (Agriculture Land) का कटान कर गंगा में समाहित कर दिया और अभी भी तेज हवा चलने पर कटान जारी है. जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा निरीक्षण भी किया गया था और स्थानीय युवाओं के द्वारा सोशल मीडिया के द्वारा कैंपेन चला कर शेरपुर गांव को बचाने की मुख्यमंत्री (Chief Minister) और प्रधानमंत्री (Prime minister) से गुहार भी लगाया जा रहा है. और यदि उनकी बातों को अनसुना किया गया तो आने वाले दिनों में जल सत्याग्रह करने पर मजबूर होंगे.
शेरपुर गांव के 8 लोगों ने दी थी शहादत
जनपद गाजीपुर का शेरपुर गांव जो महात्मा गांधी के आंदोलन अंग्रेजों भारत छोड़ो के तहत 18 अगस्त 1942 को यहां के 8 नौजवानों ने अपनी शहादत देकर तहसील मुख्यालय पर तिरंगा फहरा दिया था. जिसके बाद यह गांव शहीद गांव घोषित हुआ था और देश आजाद होने के बाद बहुत सारी योजनाएं इस गांव के लिए आई लेकिन मौजूदा समय की बात करे तो अभी पिछले दिनों गंगा में आई बाढ़ के बाद अब तक करीब 100 बीघा से ऊपर जमीन का कटान हो चुका है. जिसको लेकर ग्रामीण परेशान है और अपने गांव को कटान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री तक को भी उनके पोर्टल पर इस गांव का दर्द लिख चुके हैं. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन के द्वारा इस गांव को बचाने के लिए कोई पहल नहीं किया गया है.
मदद नहीं की गई तो करेंगे जल सत्याग्रह
वहीं, जब इस गांव के युवाओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 18 अगस्त 1942 को हमारे गांव के 8 लोगों ने शहादत देकर तिरंगा फहराया था और यदि यह सरकार हम लोगों की बातों को अनसुनी करती है तो आने वाले दिनों में 8 नहीं बल्कि 108 लोग जल सत्याग्रह कर अपनी जान भी दे देंगे, वहीं, कछ युवाओं ने बताया कि, सरकार शहीदों को सम्मान देने के लिए अमृत महोत्सव कार्यक्रम चला रही है, लेकिन गाजीपुर के इस गांव में शहीदों का कितना सम्मान हुआ यह देखने वाली बात है. क्योंकि बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गाजीपुर का हवाई सर्वेक्षण भी किए थे, लेकिन किसी ने इस गांव की सुध नहीं लिया. ऐसे में यदि जल्द ही कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता है तो आने वाले दिनों में यहां के युवा एक बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे.
प्रोजेक्ट बनाकर करेंगे काम
वहीं, जब इस बारे में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी पिछले दिनों एक बैठक भी की गई थी और उस बैठक की फीडबैक के आधार पर मंगलवार को अधिकारियों की एक टीम मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में भेजा था और लोकल विधायक के प्रतिनिधि भी उन लोगों के साथ गए थे. ऐसे में अब हमारा प्लान यह है कि, जो कटान पीड़ित एरिया है उसे भविष्य में रोक सके इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार करा रहे हैं.
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