यूपी में बाढ़-बारिश से पूर्वांचल के इन जिलों में हाहाकार, प्रयागराज-वाराणसी में गंगा का पानी निचले इलाकों में घुसा
Flood News: बाढ़ की वजह से नदी किनारे के मकान तो डूब ही गए हैं, थोड़ी ऊंचाई वाले घरों में भी रहना मुश्किल हो गया है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश का अनुमान जताया है.
Flood in UP: कुदरत के कहर से उत्तर भारत के कई राज्य कराह रहे हैं. यूपी में पूर्वांचल के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. गंगा, यमुना के किनारे बसे शहरों के निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है. प्रयागराज, वाराणसी से लेकर फतेहपुर, बांदा, गोंडा तक में बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है. हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने कई स्तरों पर तैयारी शुरू कर दी है.
यूपी के प्रयागराज में बाढ़ बारिश से बुरा हाल है. प्रयागराज से मध्य प्रदेश जाने वाली सड़क टोंच नदी की बाढ़ में डूब गई है. आलम ये है कि जिस सड़क पर गाड़ियां दौड़ती थीं वहां नाव चल रही है. नाव पर लोग अपनी मोटरसाइकिल लादकर एक से दूसरी जगह जा रहे हैं.
वाराणसी में गंगा का पानी अब किनारों को छोड़कर शहर की ओर बढ़ने लगा है. वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट में जल पुलिस का कार्यालय, पर्यटक सुविधा केंद्र, घाट और मंदिर सब पानी में डूब गए है. आपको बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर 2 सेमी प्रति घण्टा की रफ्तार से बढ़ रहा है.
चंबल नदी इन दिनों उफान पर
यूपी में चंबल नदी इन दिनों उफान पर है. आगरा में चंबल में बाढ़ की वजह से एक पुजारी मंदिर में ही फंस गए. मंदिर के चारों तरफ पानी भरा था और वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं था. ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से पुजारी को सुरक्षित बाहर निकाला.
कौशांबी में यमुना के बढ़े जलस्तर से तराई के गांवों में पानी घुस गया है जिसके चलते फसलें तो जलमग्न हो ही गई हैं, ग्रामीणों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है. एकाएक बाढ़ आने से यमुना की तराई के लगभग आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है. ग्रामीण नाव के सहारे एक से दूसरी जा रहे हैं. ऐसे हालात के बावजूद अब तक प्रशासन का कोई बड़ा अफसर ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा है. मंझनपुर और चायल तहसील का सबसे बुरा हाल है.
घाघरा नदी की कटान से लोग भारी दहशत में हैं
गोंडा में घाघरा नदी की कटान से लोग भारी दहशत में हैं. अब तक यहां आधा दर्जन से ज्यादा मकान नदी में समा चुके हैं. नदी के पास रहने वाले लोग ऊंचे स्थानों पर जाकर आशियाना बना रहे हैं. यहां कुछ दिन पहले एक स्कूल भी पानी में समा चुका है. लोगों की सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन भी तेट कटान की वजह से घाघरा में विलीन हो गई है.
भदोही जिले में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. खतरे का निशान 80 मीटर है जबकि गंगा 79 मीटर के निशान पर बह रही है. इससे नदी किनारे बसे गांवों के लोगों की धकड़ने तेज हो गई है. गंगा की कटान से खेतिहर जमीन भी नदी में समा रही है. आलम यह है कि आसपास के जमीन के साथ आम, पीपल, बांस आदि के बड़े-बड़े पेड़ भी गंगा की कटान की चपेट में आ रहें है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है.
NDRF-SDRF की टीम तैनात
गंगा और यमुना नदी में आई बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है. हजारों लोगो को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है. पानी के बीच फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए NDRF, SDRF की टीम तैनात कर दी गई है.
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