(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
उत्तर प्रदेश में बाढ़ बनी मुसीबत, 875 गांव प्रभावित, 578 गांव बने टापू
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 875 गांव सैलाब से प्रभावित हैं. इनमें से 578 गांव टापू से बन गए हैं और उनका सम्पर्क अन्य स्थानों से पूरी तरह कट गया है.
लखनऊ: उफनाई नदियों की बाढ़ से उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 875 गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है. इनमें से 578 गांवों का सम्पर्क बाकी क्षेत्रों से कट गया है. प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही शारदा, राप्ती और घाघरा नदियों की बाढ़ से प्रदेश के आम्बेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, पीलीभीत, संतकबीर नगर तथा सीतापुर के 875 गांव प्रभावित हैं. इनमें से 578 गांव टापू से बन गए हैं और उनका सम्पर्क अन्य स्थानों से पूरी तरह कट गया है.
गोयल ने बताया कि प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी से कर रही है. इसके लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और पीएसी की कुल 22 टीमें तैनात की गई हैं. कहीं भी हालात चिंताजनक नहीं हैं. बाढ़ प्रभावितों को ठहराने के लिए राज्य में कुल 373 कैंप और 784 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं.
राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को बाढ़ के कारण होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने और इनके इलाज के लिए दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए हैं.
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