बहराइच: नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण बहराइच के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. उफनती घाघरा नदी में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई है. अपर जिलाधिकारी जयचंद्र पांडे ने रविवार को बताया कि नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण जिले के करीब 60 गांवों में बाढ़ और जलभराव के हालात हैं. प्रशासन अपनी ओर से बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.


अपर जिलाधिकारी ने बताया कि घाघरा नदी और उससे जुड़ी नहरों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है. बौंडी थाना क्षेत्र के शुकलपुरवा में शनिवार दोपहर परमेश (16) घाघरा नदी के किनारे जानवरों को पानी पिला रहा था. इस दौरान पैर फिसल जाने से वह गहरे पानी में डूब गया.


पांडे ने बताया कि इसी तरह कैसरगंज थाना क्षेत्र के बहरैचन पुरवा के संतोष उर्फ बबलू (14) और पासिनपुरवा के राम संवारे (35) की घाघरा नदी में डूबकर मौत हो गई. तीनों मृतकों के शवों को गोताखोरों की मदद से निकाल लिया गया है. पोस्टमार्टम और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं.



सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (बाढ़) शोभित कुशवाहा ने रविवार को बताया कि शारदा, गिरिजापुरी और सरयू बैराज से नदियों में 3.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इन तीनों स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है लेकिन एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पिछले 24 घंटों में जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा है. बैराजों के साथ साथ 110 किलोमीटर लम्बे तटबंधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी की जा रही है.


जयचंद्र पांडे ने बताया कि जिले की कैसरगंज, महसी तथा मिहींपुरवा तहसीलों के 61 गांवों की डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी और 15500 हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है. सात गांवों में हालात ज्यादा खराब हैं. बाढ़ और कटान से अभी तक 131 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. राहत कार्यों के लिए 23 बाढ़ चौकियां और एक बाढ़ शरणालय बनाया गया है.



अपर जिलाधिकारी ने बताया कि एक मोटर नौका, 179 नाव, फ्लड पीएसी और एनडीआरएफ की एक-एक प्लाटून, 48 चिकित्सा टीम राहत कार्य में लग चुकी हैं. तैयारी पूरी है, अगर बाढ़ का संकट और गहराया तो राहत में कमी नहीं आने दी जाएगी. बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को चिकित्सकीय सुविधा, पशु टीकाकरण, तिरपाल और भोजन पैकेट वितरित कर राहत पहुंचाई जा रही है.


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