प्रयागराज, एबीपी गंगा। संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ अब विकराल रूप लेती जा रही है। बाढ़ का पानी तमाम मोहल्लों व गांवों में घुसने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां कई सड़कें और रास्ते भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ का पानी भरने से तमाम इलाकों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। जिन सड़कों पर चार दिन पहले कार व बाइक तेजी से फर्राटा भरते थे, अब वहां नाव चल रही है।


कई गांवों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। बिजली व पानी की सप्लाई ठप होने के बाद लोग या तो नाव के सहारे बाहर आ रहे हैं या फिर कई फिट जमा पानी में जिंदगी को दांव पर लगाकर बाहर निकलते हैं। तमाम जगहों पर स्कूली बच्चे घुटने भर से ज्यादा पानी में जान जोखिम में डालकर स्कूल आने को मजबूर हैं। प्रयागराज में प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। अभी तक कहीं भी राहत सामाग्री नहीं बांटी गई है। हालांकि बचाव के इंतजाम संतोषजनक हैं।



गंगापार इलाके की फूलपुर तहसील में गंगा नदी का पानी अब सड़कों पर बह रहा है। हजारों घरों में पानी घुस गया है। ऊंचे ऊंचे पेड़ बाढ़ के पानी में समा गए हैं। तकरीबन पचास गांवों में जनजीवन बेहाल है। प्रशासन ने नाव चलवाकर लोगों के बाहर निकलने का इंतजाम तो कर दिया है, लेकिन बाकी इंतजाम नदारत हैं।



प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों नदियां अब कभी भी खतरे के निशान से ऊपर जा सकती हैं। कई जगह मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है। राहत की बात सिर्फ इतनी है कि दोनों नदियां बुधवार दोपहर से स्थिर हैं और पानी में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। हालांकि हरियाणा और उत्तराखंड से छोड़ा गया पानी तीन दिन में प्रयागराज पहुंचने पर लोगों की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।