अक्टूबर का महीना भी संगम नगरी पर पड़ रहा है भारी, बाढ़ की वजह से भक्तों को हो रही है परेशानी
प्रयागराज के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से अब भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत देश के कोने-कोने से रोजाना संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है।
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। संगम नगरी प्रयागराज के लोगों को अक्टूबर के महीने में भी बाढ़ से राहत नहीं मिल पा रही है। यहां गंगा और यमुना दोनों ही नदियां खतरे के निशान से तकरीबन दो मीटर नीचे हैं, लेकिन इनका जलस्तर लगातार स्थिर बना हुआ है। दोनों नदियों में आई बाढ़ का पानी अब भी तमाम घरों में घुसा हुआ है। कई कॉलोनियां, सड़क और रास्ते अब भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत देश के कोने-कोने से रोजाना संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है। बांध के नीचे से संगम तक जाने वाले सभी रास्तों पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। पानी इतना अधिक है कि प्रशासन ने नाव चलने पर भी रोक लगा रखी है। संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर बाढ़ की चपेट में आने की वजह से पिछले चौबीस दिनों से बंद है। मंदिर परिसर के आधे से ज्यादा हिस्से और गर्भगृह में अब भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है।
संगम आने वाले श्रद्धालु सड़क किनारे से ही आचमन या प्रतीकात्मक स्नान कर वापस लौट जाते हैं, जबकि हनुमान मंदिर आने वाले श्रद्धालु बिना दर्शन के ही मायूस होकर वापस लौटते हैं। यह पहला मौका है जब प्रयागराज के लोगों को अक्टूबर के महीने में भी बाढ़ की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गंगा आरती के तीनों स्थल भी पिछले डेढ़ महीने से बाढ़ के पानी में समाए हुए हैं। साफ कहा जा सकता है गंगा और यमुना में आई बाढ़ लोगों की आस्था को भी प्रभावित कर रही है।