बांदा,एबीपी गंगा। बांदा में यमुना और केन के रौद्र रूप धारण कर लेने के बाद लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रहा है तो केन नदी भी खतरे के निशान पर पहुंच चुकी है। जिसके चलते जिले के पचास गांव पानी से घिर चुके हैं। कई घर और स्कूल तो पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं, जिसके चलते लोगों ने गांव के बाहर ऊंचे टीलों पर तंबू बना कर डेरा डाल दिया है। लोग प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी आज कुछ बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर हालातों का जायजा लिया।
पैलानी तहसील के शंकर पुरवा गांव जहां करीब 50 परिवार रहते हैं। इस गांव को चारों तरफ से केन नदी के पानी ने घेर लिया है और अब पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। लिहाजा डरे हुए लोग ऊंचे टीलों पर पन्नी के सहारे तंबू बना करके रह रहे हैं। लोगों का आरोप है यहां अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी मदद नहीं पहुंची। इसी तरह पैलानी तहसील के सिंघन कला गुर गवा सहित दर्जन भर गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं यमुना का जलस्तर अभी आगे 24 घंटे बढ़ने के आसार हैं जिसके चलते बांदा जिले के बड़े इलाके चिल्ला, पैलानी, खपटिहा कला से जुड़े करीब 50 गांव में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है। लगातार यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है जिसकी वजह से अभी राहत मिलने के भी कोई आसार नहीं है।
बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी आज जनपद के कुछ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो का स्थलीय निरीक्षण कर हालातों का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि नदी के किनारे के गांव पानी से घिर गए हैं पानी बढ़ रहा है जिसके चलते कुछ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। राहत टीमें बना कर प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि बाढ़ की वजह से लोगों का जो भी नुकसान हुआ है। उसका मूल्यांकन करा कर दो दिनों के भीतर मुआवजा दिया जायेगा।