गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. कई बैराजों का पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा और सरयू खतरे के निशान से लगभग 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. आलम ये है कि कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के नकहारा गांव के कई मजरें बाढ़ की चपेट में हैं. नदी के तलहटी पर बसे गांव के कई घरों में पानी भरा हुआ है. वहीं, कई लोग ऊंचे स्थानों पर चले गए हैं. जिले में करीब 2 हजार लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं. लोग आने-जाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से दी गई नावों का सहारा ले रहे हैं. प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को राशन के तिरपाल व अन्य जरूरी सामान मुहैया कराने के दावे कर रहा है, लेकिन बाढ़ में फंसे लोग कुछ और ही बता रहें है.
कई गांव पानी से लबालब
कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के नकहारा गांव का बाढ़ग्रस्त इलाका है. यहां चारों ओर पानी लबालब भरा हुआ है. घाघरा नदी का जलस्तर ऊपर होने के चलते यहां पर बाढ़ जैसे हालात हैं. कई घर टापू में तब्दील है और कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोग आने जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं.
वहीं, जिला अधिकारी डॉ नितिन बंसल का कहना है कि घाघरा नदी खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर ऊपर बह रही है. तहसील क्षेत्रों में पानी आ गया है लोगों को विस्थापित कराकर बांध पर लाया जा रहा है. लोगों के आने-जाने के लिए नाव लगा दी गई है. जिला प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों के मैच के लिए मुस्तैद है.
15 जिलों के 788 गांव बाढ़ से प्रभावित
प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ, संत कबीरनगर और सीतापुर जिले बाढ़ प्रभावित हैं. संजय गोयल ने बताया कि शारदा, सरयू और घाघरा नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं. पलियां कला (लखीमपुर खीरी) में शारदा, एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में सरयू के साथ-साथ घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
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