Lakhimpur Flood: पहले कुदरत की मार, अब प्रशासन से मदद की दरकार, लखीमपुर खीरी में बाढ़ से हाहाकार
UP News: लखीमपुर खीरी का श्रीनगर गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. तकरीबन 250 घर बाढ़ की चपेत में हैं. लोगों को रहने खाने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन की तरफ से मदद की दरकार है.
Lakhimpur News: लखीमपुर खीरी में शारदा नदी की बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है. पलिया तहसील के श्रीनगर गांव में पानी भर गया है. तकरीबन 250 घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गांव वालों को सड़क किनारे पल्ली के नीचे रहना पड़ रहा है. बाढ़ पीड़ितों का बारिश और तेज धूप से बचाव का एक मात्र सहारा काली- पीली और नीली पल्ली है. बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि शासन प्रशासन की तरफ से कोई मदद उपलब्ध नहीं कराई गई है. अब खाने के समान भी खत्म हो गया. जीवन गुजारना मुश्किल हो रहा है.
पल्ली के नीचे रहने वाली पैर से दिव्यांग लड़की ने कहा कि घर में पानी भरा, बड़ा भाई कंधे पर सुरक्षित बाहर लाया है. वहीं भरी दोपहरी में पल्ली के नीचे कुछ बच्चे मां के साथ आराम कर रहें, तो कुछ बच्चे सड़क किनारे खेल रहें और तेज रफ्तार गाड़ियां बगल से गुजर रहीं. बाढ़ पीड़ित महिलाएं उधार सब्जियां भी ले रही हैं. उनका कहना है कि सूखी रोटी नहीं खा सकते इसलिए 4-5 दिनों में सब्जियां उधार ले लेते हैं. जब पैसा आएगा तब देंगें.
बाढ़ पीड़ितों ने सुनाया अपना दर्द
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि नदी किनारे बालू निकाला जाता है इसलिए ऐसी स्थिति बन जाती है. बाढ़ पीड़ित सिराज हुसैन का कहना है कि राशन कुछ लोगों को मिला और कुछ को नहीं मिला. नदी किनारे बालू निकाला जाता है इसलिए ऐसी स्थिति बनी. 15 दिन से ड्यूटी नहीं जा पाया. रात में पानी फिर बढ़ जाता है. शारदा नदी की सफाई हो जाए तो पलिया समेत कई गांव बाढ़ से बच जाएंगे. सड़क किनारे पल्ली लगाकर रह रही पुष्पा बताती हैं कि वे बाढ़ से परेशान हैं और उनका परिवार सड़क पर आ गया है.
ज्योति देवी का कहना है कि 15 दिन से सड़क किनारे रह रहें, खाना पीना हो जाता है, सरकार की तरफ से राशन की मदद मिली थी. गाड़ियों का डर रहता है इसलिए रात में जगते हैं और बच्चे सोते हैं. पुलिस वालों ने गांव में जाने से मना किया है. सवा 3 एकड़ खेत बर्बाद हो गया. घर के दरवाजे पर पानी बह रहा है. उधार सब्जी ले रहे हैं,पैसा बाद में देंगे इनको. बारिश होती है तो पल्ली डबल कर लेते हैं लेकिन फट जाती है. राशन भीग गया है.
जीवन गुजारना हो रहा मुश्किल
वहीं फूलकुमारी का कहना है कि खाने पीने की बहुत दिक्कत है. घर में सीने के बराबर पानी था. 6 लोगों का परिवार है. हाथ में सब्जी जो है वो उधार लिया है जब काम करेंगे तो पैसा देंगे. रात के समय छोटे बच्चों को देखते हैं कि कहीं कोई एक्सीडेंट ना हो जाए. राशन भीग गया. 10 किलो सरकार वाला राशन कितने दिन चलेगा. गुड्डी देवी का कहना है कि 16 -17 दिन हो गए. गाड़ी चल रही कहीं कुचल ना जाए इसका डर रहता है. फूलमती का कहना है कि घर में पानी भरा हुआ है. 20 दिनों से ऐसे ही गुजारा कर रहे हैं. फूलमती की दिव्यांग बेटी नीशा - पैर की नश ब्लॉक है चल नहीं पाती है.नीशा बताती हैं कि धूप बारिश में यहीं रहना पड़ता है. मम्मी के सहारे ही सारा काम करना पड़ता है. बस ऐसे बैठे रहते हैं.
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