UP News: चर्चा में वाराणसी के 'मोती' और 'जया', यूरोप जाने की औपचारिकताएं पूरी, विदेशी माता-पिता ने लिया गोद
UP News: वाराणसी के मोती और जया का नया ठिकाना विदेश की धरती होगी. विदेश में नए घरों को उड़ान भरने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. मोती की रवानगी के बाद जया की बारी आएगी.
Varanasi News: वाराणसी में मोती और जया इन दिनों चर्चा का विषय बन गए हैं. यूरोपीय माता-पिता ने दोनों इंडी कुत्तों को गोद लिया है. गोद लेने की घोषणा के बाद मोती और जया नामक इंडी कुत्ते विदेश में नए घरों को उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. उनके लिए पासपोर्ट, जियोटैगिंग और सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. नए 'माता-पिता' के साथ तीन महीनों में मिलान और एम्स्टर्डम की उड़ान भरेंगे. मोती को अस्सी घाट से इटली की एक महिला पर्यटक वेरा लाजारेट्टी ने बचाने के बाद गोद लेने का फैसला किया था.
आवारा कुत्तों के आए अच्छे दिन
मोती 14 जुलाई को इटली के मिलान हवाईअड्डे पर उतरेगा. इसी नस्ल की जया अगस्त के अंत या सितंबर तक नीदरलैंड रवाना होगी. एम्स्टर्डम में जिया नए परिवार के साथ रहेगी. आवारा कुत्ते वाराणसी की गैर सरकारी संगठन एनिमोटेल केयर ट्रस्ट से गोद लिए गए हैं. एनिमोटेल केयर ट्रस्ट बीमार, घायल और शारीरिक रूप से विकलांग आवारा कुत्तों के बचाव और पुनर्वास का काम करता है. संस्थापक अध्यक्ष डॉ इंद्रनील बसु और सुदेशना बसु ने कहा कि गोद लेने की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं.
उन्होंने कहा कि 7 महीने की मोती का पासपोर्ट और 3 जुलाई को आईजीआई हवाई अड्डे से उड़ान भरने की तैयारी है. टीकाकरण और रक्त सीरम का इटली और पुर्तगाल में परीक्षण किया गया है. जियोटैगिंग के लिए माइक्रोचिप के साथ 15 अंकों की पहचान संख्या जल्द इंजेक्ट की जाएगी. ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदिलीप सेनगुप्ता ने कहा कि मोती के बाद जया की बारी आएगी. छह महीने की जया नीदरलैंड को रवाना होगी. सेनगुप्ता ने कहा, दिसंबर 2022 में, वेरा ने देखा कि मोती पर गली के कुत्ते हमला कर रहे हैं.
विदेश की धरती पर नया ठिकाना
स्थानीय लोग पिल्ला को क्षेत्र से दूर रखने की कोशिश कर रहे थे. वेरा ने मोती को बचाकर हमसे संपर्क किया. हम मोती को अपने आश्रय और पुनर्वास गृह में ले आए. बाद में, वेरा ने गोद लेने का फैसला किया. चूंकि हम बचाए गए स्ट्रीट डॉग्स को गोद लेने के लिए काम करते हैं, इसलिए हमने अधिकारियों से सलाह ली कि कैसे एक विदेशी नागरिक किसी कुत्ते को गोद ले सकता है. उन्होंने कहा, यह एक अनूठा अनुभव था क्योंकि हमने 'ट्रू कंपैनियन' पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया और कुत्ते को विदेश भेजने के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया.
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सेनगुप्ता ने कहा कि नीदरलैंड के मेरेल ने देखा कि आवारा कुत्ते पिल्ले पर हमला कर रहे हैं. मेरेल ने घायल पिल्ले को बचाकर हमसे संपर्क किया. मेरेल जया को अपने साथ ले जाना चाहती थी, लेकिन चूंकि उसे अगले ही दिन जाना था, हमने उससे कहा कि विदेश में कुत्ते आवश्यक औपचारिकताओं के बिना नहीं भेजा जा सकता. मेरेल की इच्छा के अनुसार, औपचारिकता पूरी करने के बाद जया को भेजने की तैयारी की जा रही है.