गोरखपुर, नीरज श्रीवास्तव: गोरखपुर शहर के बीचों-बीच दुकानों पर बिक रहे दुर्लभ कछ़ओं के बारे में जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने छापेमारी की. ग्राहक बनकर पहुंचे टीम के सदस्‍यों ने दो दिन पहले दुकान पर ग्राहक बनकर पहुंचने के बाद दुर्लभ कछ़ओं के बारे में जानकारी की. जब दुकानदार ने उन्‍हें आश्‍वस्‍त कर दिया कि वे कछुए उन्‍हें उपलब्‍ध करा देंगे. तो मंगलवार को फिर ग्राहक बनकर पहुंची टीम के सदस्‍यों ने अलग-अलग स्‍थानों से दो दुकानदारों को गिरफ्तार कर लिया.


टीम के सदस्‍य ग्राहक बनकर पहुंचे
गोरखपुर के डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की प्रजाति को अवैध रूप से बिक्री करने की सूचना मिली. टीम के सदस्‍य ने ग्राहक बनकर पहले वहां पर रेकी की. गोरखपुर के विजय चौक पर स्थित केरावर फिश एक्‍वेरियम और स्‍टार फिश नाम की दुकान पर ग्राहक बनकर पहुंचे. दुकानदार मोहम्‍मद सलीम और धीरेन्‍द्र तिवारी ने दुर्लभ कछुए उपलब्‍ध कराए. वेटिंग टीम ने वहां पर पहुंचकर 25 से 30 कछुए बरामद किए. उन्‍होंने बताया कि टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. एक प्रजाति इंडियन टेंट टर्टल शेड्यूल वन के कछुए हैं. वाइल्‍ड लाइफ प्रोटेक्‍शन एक्‍ट 1972 के अंतर्गत इन्‍हें बेचना अपराध की श्रेणी में आता है.


संगठित गिरोह कर रहा है काम
डीएफओ ने बताया कि बताया कि बड़े पैमाने पर इस तरह का एक संगठित गिरोह बाहर से शहर के अंदर इन कछुओं को मंगा रहा है. उन्‍होंने बताया कि जो कछुए बरामद किए गए हैं उन्‍हें अवैध रूप से तस्‍करी पर तीन से सात साल तक सजा का प्राविधान है. उन्‍होंने बताया कि इन दोनों दुकानदारों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. इस तरह के अवैध धंधे करने वालों पर उनकी नजर रहेगी और कार्रवाई भी की जाएगी.



सख्त सजा होनी चाहिए
छापेमारी के बाद से शहर के तमाम फिश एक्वेरियम बंद हो गए. अधिकारियों का कहना है कि कछुआ की खरीद और बिक्री दोनों प्रतिबंधित है. ऐसे में कानून के साथ खिलवाड़ कर ऐसे दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षियों की तस्‍करी करने वालों को सख्‍त सजा होनी चाहिए.


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