Uttarakhand: पार्टी में उपेक्षा से नाराज बीजेपी-कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने बनाया अपना संगठन, क्या है प्लान?
Dehradun News: संगठन का यह दावा है कि उनका यह संगठन राजनीतिक संगठन नहीं है, यह संगठन राज्य सरकार को अपने अनुभव के आधार पर सलाह देगा ताकि उत्तराखंड मजबूत हो और उसका विकास हो.'
Uttarakhand News: उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने मिलकर एक संगठन बनाया है. पूर्व विधायकों के इस संगठन में अभी 30 से 35 विधायक एकजुट हुए हैं. माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों के उपेक्षित विधायकों ने नाराज होकर इस संगठन को बनाया है, हालांकि इन पूर्व विधायकों का कहना है कि यह संगठन उत्तराखंड के विकास और मजबूती के लिए बनाया गया है. इस संगठन के गठन को सरकार पर एक तरह का दबाव डालने के तौर पर भी देखा जा रहा है. संगठन के सभी पूर्व विधायक दिसंबर महीने में एक बड़ा सेमिनार करने जा रहे हैं.
क्या उत्तराखंड में चल रही तीसरे मोर्चे की तैयारी
इस संगठन के बनने से कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या क्या उत्तराखंड की राजनीति में तीसरा मोर्चा बनने जा रहा है या फिर इस संगठन का मकसद सरकार के साथ अपने-अपने संगठन यानी बीजेपी और कांग्रेस पर कोई दबाव बनाने का है. बीजेपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखी राम जोशी को संगठन का अध्यक्ष नियुक्त किया है वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक भीम लाल आर्य को सचिव बनाया गया है.
हालांकि संगठन का यह दावा है कि उनका यह संगठन राजनीतिक संगठन नहीं है, यह संगठन राज्य सरकार को अपने अनुभव के आधार पर सलाह देगा ताकि उत्तराखंड का न सिर्फ विकास हो बल्कि आर्थिक तौर पर भी उत्तराखंड मजबूत हो. 'उत्तराखंड पूर्व विधायक संगठन' के अध्यक्ष बीजेपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी ने कहा कि उनके संगठन में सभी पूर्व विधायक दलगत राजनीति से उठकर उत्तराखंड का विकास चाहते हैं इसलिए संगठन बनाया गया है.
पार्टी में उपेक्षा संगठन बनाने की वजह तो नहीं
भले ही पूर्व विधायक यह दावा कर रहे हों कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और विकास के लिए उन्होंने संगठन बनाया है लेकिन सच तो ये है कि अपनी पार्टी में हो रही उपेक्षा के चलते यह सभी पूर्व विधायक एक छत के नीचे आए हैं ताकि राजनीतिक तौर पर एक अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के साथ अपनी-अपनी पार्टी पर दबाव बनाया जा सके. सबसे बड़ी बात ये है कि इस संगठन में कई ऐसे पूर्व विधायक हैं जिनके पास बीजेपी और कांग्रेस में प्रदेश स्तर के पद भी हैं.
पूर्व विधायकों का कहना है कि प्रदेश में जो हालात है वो ठीक नहीं है. भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है, अफसरशाही लगातार हावी होती जा रही है. इन हालातों पर नाराजगी भी पूर्व विधायकों द्वारा इस संगठन के गठन की एक बड़ी वजह है. ऐसे में कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि प्रदेश के विकास के लिए हम सब एकजुट हुए हैं तो वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत भी यही दावा करते हुए नजर आ रहे हैं.
पूर्व विधायकों ने की विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात
सभी पूर्व विधायकों ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के आवास पर जाकर मुलाकात भी की. इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वे सब एक संगठन बनाना चाहते हैं और इस संगठन का काम उत्तराखंड के विकास और आर्थिक स्थिति को बढ़ाना है. इसके साथ ही अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में भी विकास करना है. वहीं विधानसभा खंडूरी ने कहा कि मैंने इन सभी पूर्व विधायकों को कहा है कि वे ऐसी संस्था बनाएं जो प्रदेश के विकास के लिए काम करे.
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