मेरठ, एबीपी गंगा। टीपी नगर थाना क्षेत्र के वंडर सिटी सेकंड कॉलोनी स्थित एक खाली फ्लैट में भाजपा के पूर्व पार्षद का शव संदिग्ध हालात में फंदे से लटका मिलने के बाद सनसनी फैल गई। पुलिस को मौके से चार पेज का सुसाइड नोट, शराब का बोतल और सिगरेट आदि बरामद हुए हैं। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि वे पिछले पांच सालों से डिप्रेशन में थे। कहा कि पांच सालों में उनका काम धंधा बिल्कुल बन्द हो गया था। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।


जानकारी के अनुसार, भगवतपुरा निवासी सतीश चांदीवाला वार्ड 3 से भाजपा के पूर्व पार्षद थे। साथ ही, सतीश चांदी थोक कारोबारी थे और उनका शहर में अच्छा खासा कारोबार था। परिवार में पत्नी उषा और एक गोद ली हुई बेटी वर्षा हैं। वर्षा दिल्ली में आईपीएस की तैयारी कर रही है और फिलहाल मेरठ आई हुई है। परिजनों के अनुसार, सतीश का एक फ्लैट टीपी नगर क्षेत्र में वंडर सिटी सेकंड कॉलोनी में है। बताया जा रहा है कि सुबह करीब 10:30 बजे सतीश फ्लैट पर जाने की बात कह कर घर से निकले थे। इसके बाद उनकी पत्नी के पास उनका फोन आया और वो काफी दुखी थे और रो रहे थे । दोपहर तक उनके घर वापस न लौटने पर परिवार के लोग सतीश के मोबाइल पर कॉल करते रहे, मगर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। जिसके बाद उषा ने मलियाना निवासी अपने नंदोई को मामले की जानकारी देते हुए फ्लैट पर भेजा। जब उषा के नंदोई मौके पर पहुंचे तो फ्लैट का दरवाजा खुला पड़ा था। उन्होंने भीतर जाकर देखा तो कमरे में छत के कुंडे से सतीश का शव रस्सी के सहारे झूलता देख उनके होश उड़ गए।


पुलिस ने जांच की शुरू


जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सतीश के शव को नीचे उतारा। कमरे में शराब का एक बोतल और सिगरेट के टुकड़े भी पड़े थे। वहीं पुलिस के मुताबिक, उन्हें मौके से 4 पेज का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। हालांकि सुसाइड नोट में क्या लिखा है, यह पुलिस अभी सार्वजनिक नहीं कर रही है। लेकिन हमारे हाथ लगे सुसाइड नोट से ये बात सामने आई है कि सतीष डिप्रेशन में थे।  हालांकि, ये बात भी सामने आई है कि सुसाइड नोट में बीजेपी के बड़े नेताओं पर आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए जांच शुरू कर दी है।


किरायेदार ने बताया


किरायेदार मधु ने बताया कि आज यहां पर भैया आए थे यहां पर आकर उन्होंने चाबी मांगी और मैंने उनको चाबी दे दी। लगभग 10:30 बजे वह यहां आए थे, अकेले थे बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं लग रहे थे, बिल्कुल नॉर्मल थे। उसके बाद अपने कमरे में चले गए।