UP News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के केवटम गांव में पशु चराने को लेकर वन कर्मियों ने ग्रामीणों की पिटाई कर दी थी. इस बीच पिटाई से क्षुब्ध ग्रामीणों व वन कर्मियों में विवाद हो गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को वन चौकी पर पहुंचकर बवाल किया था. इस मामले ने अब सियासी रंग ले लिया है. गुरुवार की शाम को गांव में पहुंचे बीजेपी नेताओं ने पूरी घटना के लिए वन विभाग को जिम्मेदार बताया है.
यूपी के सोनभद्र जिले के केवटम गांव में वन विभाग और ग्रामीणों के बीच झड़प और मारपीट के मामले में राजनीति गरमा गई है. गुरुवार को गांव पहुंचे समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने पूरी घटना के लिए वन विभाग को जिम्मेदार बताया.
समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने वन विभाग के कर्मियों को आदिवासियों का उत्पीड़न बंद करने की हिदायत देते हुए कहा कि आदिवासियों को भड़काया तो अंजाम ठीक नहीं होगा. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने आदिवासियों को संबोधित करते हुये भरी सभा में कहते दिख रहे हैं कि आदिवासियों का जमकर उत्पीड़न हो रहा है. घर आकर आदिवासियों को मारा-पीटा जा रहा है. आदिवासियों को भड़काइए नहीं वरना अंजाम ठीक नहीं होगा, थाना फूंक दिया जाएगा.
आदिवासियों के उत्पीड़न के कारण मणिपुर में हाहाकार मचा- छोटेलाल खरवार
पूर्व सांसद ने कहा कि इन्हीं आदिवासियों के उत्पीड़न के कारण मणिपुर में हाहाकार मचा है. वहां सरकार फेल हो गई है. उन्होंने क्षेत्राधिकारी के सामने ही वन विभाग पर आदिवासियों को भड़काने का आरोप लगाया है. बीजेपी के आदिवासी नेता और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा कि केवटम में वन विभाग आदिवासियों पर अंग्रेजों से भी अधिक उत्पीड़न किया है. ग्रामीणों को मारा-पीटा गया था. इसके संबंध में पीड़ितों से पूछताछ के बाद लिखित तहरीर आदिवासियों के तरफ से हम लोगों के उपस्थिति में थाना प्रभारी मांची और सीओ को दिया गया. बता दें कि पूर्व सांसद उत्तर प्रदेश आदिवासी खरवार संघ के अध्यक्ष भी हैं.
राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड ने बताया कि यहां आदिवासियों के साथ वन विभाग के लोग उत्पीड़न कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो आदिवासी वन विभाग को पैसा देता है, उसके साथ अच्छा व्यवहार होता है. जो पैसा नहीं देता उसके साथ गलत व्यवहार और अत्याचार करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरे नगवां क्षेत्र में वन विभाग आदिवासियों का उत्पीड़न कर रहा है, मगर ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.
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