गाजीपुर: बहुजन समाज पार्टी (BSP) में कभी प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में रहने वाले राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) जिन्हें 3 जून 2021 को बसपा से निष्कासित कर दिया गया, अब वह पूर्वांचल में घूम घूम कर बुद्ध जन संगोष्ठी, रामअचल राजभर संघर्ष मोर्चा के बैनर तले वह अपना वजूद तलाश रहे हैं. और आमजन से राय लेना चाह रहे हैं कि, आगामी दिनों में किस पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक सफर शुरू करें. इसी को लेकर जिले में राम अचल राजभर संघर्ष मोर्चा के तहत प्रबुद्ध जन संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, जहां पर बसपा से निकाले जाने और मायावती को लेकर राम अचल राजभर का दर्द छलक पड़ा था.
जनता की राय के बाद लेंगे आगे का फैसला
मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, उन्होंने पूरे पूर्वांचल में राम अचल राजभर संघर्ष मोर्चा के तहत अपने वोटर वर्कर और शुभचिंतकों के बीच जा रहे हैं. और अपनी बात रख कर उनका राय लेना चाह रहा हूं कि, 3 जून 2021 को जब पार्टी से निष्कासित किया गया, उसके बात क्या फैसला लेना है. यह प्रबुद्ध जनों से समझना और इन लोगों के विचारों के बाद अक्टूबर माह में एक बड़ा फैसला लूंगा. उन्होंने बताया कि, जो व्यक्ति शायद 37 साल बहुजन समाज पार्टी की सेवा किया और उत्तर प्रदेश ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी बसपा का डंका बजाया जो उसके साथ हुआ वह गलत है.
राजभर का छलका दर्द
वहीं, मुख्तार अंसारी के टिकट कटने के सवाल पर कहा कि, यह बसपा का अंदरूनी मामला है, वह बसपा जाने लेकिन बसपा से निकाले जाने वाले लोगों की एक लंबी फेहरिस्त है. उनमें से अधिकतर लोगों ने कहीं ना कहीं एडजस्ट हो गए, लेकिन राम अचल राजभर जो 37 साल बसपा के साथ काम किया और जब राम अचल राजभर निकाले गए और मैं लगातार इंतजार करता रहा कि, मेरी बातें सुनी जाएंगे, मेरी पीड़ा सुनी जाएगी. एक मिनट के लिए ही सही और उसके बाद उनका जो फैसला होगा वह सर माथे रहेगा.
प्रबुद्ध जनों का फैसला मानेंगे
वहीं, अगली रणनीति व किस पार्टी के साथ शुरू करेंगे, इस पर उन्होंने खुलासा ना करते हुए सिर्फ यह कहा कि, प्रबुद्ध जन का जो भी फैसला होगा उस फैसले पर रामअचल राजभर चलने का काम करेगा. अगर हम पूर्वांचल की बात करें तो राजभर समाज में अपना पूरा दबदबा ओमप्रकाश राजभर रखते हैं, ऐसे में राम अचल राजभर अपने को कहां पाते हैं, इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं सर्व समाज के साथ ही राजभर समाज के दुख और सुख में शामिल होने का काम किया हूं, इसलिए आज बहुत सारे राजभर समाज के लोगों ने अपने साधनों के माध्यम से इस संगोष्ठी में शामिल होकर हमें बल देने का काम कर रहे हैं.
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