Prayagraj News: देश के पूर्व चीफ जस्टिस केएन सिंह का निधन, सिर्फ 17 दिनों का था कार्यकाल
जस्टिस के एनसिंह के निधन पर न्याय व्यवस्था से जुड़े लोगों ने शोक जताया है. कल दोपहर करीब डेढ़ बजे रसूलाबाद के शंकर घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार होगा.
Prayagraj News: देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कमल नारायण सिंह उर्फ केएन सिंह का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. जस्टिस केएन सिंह ने प्रयागराज में मिंटो रोड स्थित आवास पर आज आखिरी सांस ली. कल 9 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे प्रयागराज स्थित आवास से अंतिम यात्रा निकलेगी. दोपहर करीब डेढ़ बजे रसूलाबाद के शंकर घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार होगा. जस्टिस केएन सिंह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. जस्टिस कमल नारायण सिंह देश में सबसे कम कार्यकाल वाले चीफ जस्टिस रहे. सिर्फ 17 दिनों तक मुख्य न्यायाधीश के पद की कुर्सी संभाली. 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल रहा था.
जस्टिस केएन सिंह के बारे में जानिए
जस्टिस केएन सिंह मूल रूप से प्रयागराज के ही रहने वाले थे. जन्म 13 दिसंबर 1926 को प्रयागराज में हुआ था. प्रारंभिक से लेकर स्नातक की शिक्षा उन्होंने प्रयागराज से ही ली थी. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और वकालत की डिग्री ली. 4 सितंबर 1957 से इलाहाबाद की दीवानी अदालत में वकालत शुरू की. बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे थे. सरकारी वकील के तौर पर उन्होंने कई सालों तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार के मुकदमों की पैरवी भी की. 3 मार्च 1970 से 3 मई 1970 तक यूपी के एडवोकेट जनरल रहे.1970 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त हुए. 25 अगस्त 1972 को स्थाई न्यायाधीश के तौर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्ति हुई. 10 मार्च 1986 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने.
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मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सिर्फ 17 दिनों का था कार्यकाल
जस्टिस केएन सिंह को 25 नवंबर 1991 को देश के 22वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ दिलाई गई. जस्टिस रंगनाथ मिश्र के रिटायर होने पर देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे. मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सिर्फ 17 दिनों का ही केएन सिंह का कार्यकाल था. रिटायरमेंट के बाद लगभग 3 सालों तक विधि आयोग के 13वें अध्यक्ष बने. सुप्रीम कोर्ट के तकरीबन साढे पांच साल के कार्यकाल में 336 पीठ यानी बेंच का हिस्सा थे. जस्टिस के एन सिंह कई शिक्षण संस्थाओं से भी जुड़े हुए थे. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किए हैं. वाराणसी की उदय प्रताप शिक्षा समिति की गवर्निंग बॉडी के सदस्य व अध्यक्ष भी रहे. आज शाम को उन्होंने प्रयागराज में अंतिम सांस ली. जस्टिस के एनसिंह के निधन पर न्याय व्यवस्था से जुड़े लोगों ने शोक जताया है. न्याय व्यवस्था से जुड़े लोगों ने निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया. उनके निधन पर प्रयागराज में कल कई जगहों पर श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी.
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